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'पीएम मोदी का नेतृत्व मजबूत, पाक के खिलाफ पहले से अधिक प्रभावी सैन्य कार्रवाई की क्षमता'

पीएम मोदी की अगुवाई में भारत पाकिस्तान के सैन्य उकसावे का पहले से अधिक प्रभावी जवाब दे सकता है. ऐसा मानना है एक अमेरिकी खुफिया समुदाय का. इस समुदायन ने अमेरिकी कांग्रेस में कहा है कि अगर पाकिस्तान कभी सैन्य बल का प्रयोग कर भारत को उकसाने का प्रयास करेगा तो पीएम मोदी की अगुवाई में भारत पाकिस्तान को करारा जवाब देगा.

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पीएम मोदी

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Published : Mar 9, 2022, 4:05 PM IST

न्यूयॉर्क :अमेरिकी खुफिया समुदाय ने अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना की है. कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत किसी भी वास्तविक या कथित पाकिस्तानी उकसावे का सैन्य बल के साथ जवाब दे सकता है. कहा गया है कि भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई की संभावना पहले की तुलना में अधिक है.

अमेरिका में नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक (ओडीएनआई) के कार्यालय द्वारा जारी यूएस इंटेलिजेंस कम्युनिटी के वार्षिक खतरे के आकलन में भारत चीन एलएसी विवाद पर भी राय व्यक्त की गई. इसमें कहा गया, विवादित सीमा पर भारत और चीन द्वारा सैन्य विस्तार किया गया. इससे दो परमाणु शक्तियों के बीच सशस्त्र टकराव का जोखिम बढ़ जाता है.

ओडीएनआई ने अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच संकट विशेष रूप से चिंता का विषय है क्योंकि दोनों देश परमाणु-संपन्न हैं. इसमें कहा गया, भारत और पाक के बीच गतिरोध का चक्र चल रहा है, हालांकि, इसका जोखिम कम है.

भारत पाकिस्तान के बीच टकराव की आशंका पर ओडीएनआई ने कहा, पाकिस्तान का भारत विरोधी उग्रवादी समूहों का समर्थन करने का एक लंबा इतिहास रहा है. भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, कथित या वास्तविक पाकिस्तानी उकसावे का जवाब सैन्य बल के साथ दे सकता है. ओडीएनआई के मुताबिक दोनों पक्षों में तनाव बढ़ने की धारणा है ऐसे में पहले की तुलना में भारत जवाबी कार्रवाई करेगा, इस बात की अधिक संभावना है. ओडीएनआई के मुताबिक कश्मीर में हिंसक अशांति या भारत में एक आतंकवादी हमले की आशंका संघर्ष का जोखिम बढ़ाता है.

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ओडीएनआई के मुताबिक भारत और चीन के बीच टकराव होने पर इसमें अमेरिकी व्यक्तियों और हितों के लिए सीधे खतरे शामिल हैं. ऐसी गंभीर परिस्थिति अमेरिकी हस्तक्षेप की मांग करती है. ODNI ने कहा कि नई दिल्ली और बीजिंग के बीच संबंध 2020 में घातक संघर्ष के मद्देनजर तनावपूर्ण बने रहेंगे. इसके मुताबिक भारत और चीन का तनाव दशकों में सबसे गंभीर है.

(आईएएनएस)

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