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मेडिकल स्टूडेंट्स के प्रदर्शन के बाद चीन से आई अच्छी खबर

चीन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र (Indian medical students) स्वदेश लौटने के बाद से यहीं पर हैं. ये विद्यार्थी चीन में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद स्वदेश लौट आए थे. अब चीन उन्हें वापसी की इजाजत नहीं दे रहा है. मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को अपने भविष्य की चिंता है. शुक्रवार को छात्रों ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया. हालांकि दोपहर बाद भारतीय दूतावास और चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से उनके लिए राहतभरी खबर आई. सौरभ शर्मा की रिपोर्ट.

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Published : Apr 29, 2022, 6:26 PM IST

Updated : Apr 29, 2022, 6:52 PM IST

नई दिल्ली :चीन ने कोविड का हवाला देते हुए वहां मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों (Indian medical students) को देश आने से रोक दिया है. इसके विरोध में करीब 50 से 70 भारतीय छात्रों ने दिल्ली में अभिभावकों के साथ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया. उनकी मांग है कि जब सबकुछ सामान्य हो गया है तो चीन ने प्रतिबंध खत्म क्यों नहीं किए. जिस वजह से उनकी पढ़ाई का नुकसान हो रहा है. दरअसल चीन में पढ़ाई कर रहे छात्रों ने आखिरी बार 2020 में कोरोना महामारी की शुरुआत के दौरान क्लास अटेंड किए थे. ये भारतीय छात्र COVID वीजा प्रतिबंध की वजह से पिछले दो वर्षों से घर पर हैं. हालांकि अब इनके लिए राहत भरी खबर आई है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए कुछ छात्रों ने कहा कि हमारी मुख्य चिंता यह है कि बिना प्रैक्टिकल किए हम अपनी डिग्री पूरी नहीं कर सकते. सभी काम ऑनलाइन मोड के माध्यम से नहीं किया जा सकता है. छात्रों में से एक ने कहा कि इस ऑनलाइन मोड के माध्यम से कोई कैसे इंटर्नशिप, मेडिकल एक्सपोजर और प्रैक्टिकल को पूरा कर सकता है.

छात्रों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं, जिनमें लिखा था - 'भारत में क्लिनिकल प्रैक्टिकल की व्यवस्था करें और भारतीय मेडिकल छात्रों की चीन वापसी की सुविधा दें.' एक अनुमान के मुताबिक चीन में लगभग 23,000 भारतीय छात्र अध्ययन कर रहे हैं. वजह ये है कि वहां की चिकित्सा शिक्षा भारत की तुलना में काफी सस्ती है. पिछले महीने चीनी विदेश मंत्री वांग वाई डॉ. जयशंकर से मिलने नई दिल्ली आए थे. उस दौरान डॉ. जयशंकर और उनके समकक्ष के बीच हुई बातचीत में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी.

शुक्रवार दोपहर को चीन में भारतीय दूतावास ने कहा, '25 मार्च को चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की बैठक के बाद चीनी पक्ष ने चीन में भारतीय छात्रों की वापसी को सुविधाजनक बनाने पर विचार करने की इच्छा व्यक्त की है. जो छात्र आना चाहते हैं इस संबंध में छात्र 8 मई तक फॉर्म भरकर जानकारी दें. छात्रों की चीन वापसी को सुविधाजनक बनाने के लिए भारतीय दूतावास अब एक सूची तैयार करेगा जिसे चीनी पक्ष के साथ साझा किया जाएगा. दूतावास की ओर से कहा गया है कि 'भारतीय छात्रों से अनुरोध किया जाता है कि वे दूतावास को आवश्यक जानकारी प्रदान करें.' भारतीय दूतावास की ओर से ये जानकारी हजारों छात्रों और अभिभावकों के लिए राहत देने वाली है.

'चीन 'कुछ' भारतीय विद्यार्थियों को अनुमति देगा' :उधर,चीन ने कोविड-19 महामारी के कारण लगाए गए वीजा और उड़ान पाबंदियों के बाद लगभग दो साल से भारत में फंसे 'कुछ' भारतीय विद्यार्थियों को वापस आने की अनुमति देने संबंधी योजना की शुक्रवार को घोषणा की है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने वहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'पढ़ाई के लिए चीन लौटने को लेकर भारतीय छात्रों की चिंताओं को हमारा देश अधिक महत्व देता है. हमने अन्य देशों के विद्यार्थियों के चीन लौटने की प्रक्रिया और अनुभव को भारतीय पक्षों के साथ साझा किया है.' उन्होंने कहा, 'भारतीय विद्यार्थियों की वापसी के लिए काम शुरू हो चुका है. भारतीय पक्ष को केवल उन विद्यार्थियों की सूची प्रदान करनी है, जिन्हें वास्तव में चीन वापस आने की आवश्यकता है.'

पढ़ें- भारतीय व अंतरराष्ट्रीय छात्रों की वापसी की अनुमति देने के मामले में चीन की चुप्पी

Last Updated : Apr 29, 2022, 6:52 PM IST

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