वाशिंगटन :अमेरिका के साथ 2+2 डॉयलॉग में भारत की ओर से शामिल रहे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को मीडिया के साथ बातचीत का ब्योरा साझा किया. विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिकी समकक्षों के साथ बातचीत के दौरान यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद उपजे खाद्य संकट, ऊर्जा संकट पर चर्चा हुई. इसके अलावा बैठक मुख्य रूप से राजनीतिक-सैन्य मामलों पर केंद्रित रही. उन्होंने साफ किया कि बातचीत के दौरान भारत में मानवाधिकारों के बारे में चर्चा नहीं हुई.
विदेश मंत्री ने कहा कि यह एक ऐसा विषय है, जो पहले भी हमारे सामने आया है. सेसी ब्लिंकन के भारत यात्रा के दौरान हमने इस पर चर्चा की थी. उन्होंने कहा कि लोगों को हमारे बारे में विचार रखने का अधिकार है, लेकिन हम भी समान रूप से अपने हितों का ख्याल रखने के हकदार हैं. इसलिए जब भी इस विषय पर कोई चर्चा होगी, तो हम बोलने में संकोच नहीं करेंगे. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि वार्ता के दौरान यूक्रेन को लेकर काफी लंबी बातचीत हुई. इस दौरान भारत ने अपना दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से रखा. उन्होंने बताया कि भारत ने मार्च में यूक्रेन को 90 टन राहत सामग्री मुहैया कराई थी और फिलहाल दवाओं की आपूर्ति पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू भी मौजूद थे.
जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष की स्थिति का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ा है. हमने ऊर्जा की स्थिति पर चर्चा की, और कुछ समय में, हमने सभी देशों की खाद्य सुरक्षा पर चर्चा की - क्या किया जा सकता है? मानवीय सहायता के लिए दूसरे देश क्या कर रहे हैं, हमने उसके बारे में बात की. जयशंकर ने अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन टाई के साथ भी बातचीत की.