नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र के द्वारा 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (International Year of Millets) घोषित किए जाने के क्रम में बाजरा की खपत बढ़ाने के उद्देश्य से भारतीय सेना ने सैनिकों को दिए जाने वाले राशन में बड़ा बदलाव किया है. इसे अब सैनिकों के राशन में बाजरा को शामिल किया गया है. इस बारे में सेना ने बुधवार को कहा कि आधी सदी के बाद इस ऐतिहासिक फैसले से यह सुनिश्चित होगा कि सैनिकों को पारंपरिक अनाज की आपूर्ति की जाए. अब सैनिकों को कुल राशन का 25 फीसदी तक गेहूं के आटे की जगह ज्वार, बाजरा और रागी का आटा देगी. हालांकि सैनिकों के पास 25 फीसदी तक यह चुनने का विकल्प होगा. बता दें कि बाजार में प्रोटीन, सूक्ष्म पोषक तत्वों और रसायनों का एक अच्छा स्रोत होने का लाभ होता है, इससे सैनिकों के आहार के पोषण को बढ़ावा मिलेगा.
सेना के मुताबिक पारंपरिक बाजरा स्वास्थ्य लाभ के साथ और भौगोलिक तथा जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल जीवन शैली की बीमारियों को कम करने और सैनिकों की संतुष्टि और मनोबल को बढ़ाने में एक अहम कदम साबित होगा. इसी कड़ी में सेना ने अपने रसोइयों को प्रशिक्षित करने के लिए कदम उठाए हैं. फलस्वरूप बड़ाखाना, कैंटीनों और घर में खाना पकाने में बाजरा को बड़े पैमाने पर शामिल करने के लिए सभी संघों को सलाद दी गई है.