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Published : Jun 8, 2023, 10:58 AM IST

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भारतीय सेना के सोल ऑफ स्टील हिमालयन चैलेंज का अंतिम चरण शुरू, उच्च हिमालय लेगा प्रतिभागियों की कड़ी परीक्षा

अप्रैल महीने में शुरू हुए भारतीय सेना के सोल ऑफ स्टील हिमालयन चैलेंज के तीसरे और अंतिम चरण का अभियान शुरू हो गया है. ये चरण अब तक के चरणों से काफी खतरनाक और रोमांचक होगा. इसमें बिना कुलियों की मदद के प्रतिभागियों को उच्च हिमालय में अपनी वीरता, साहस, तेजी और धैर्य दिखाना होगा.

Indian Army
भारतीय सेना का अभियान

चमोली (उत्तराखंड): भारतीय सेना ने विशेष बल के दिग्गजों की एक टीम के साथ साझेदारी में जोशीमठ, उत्तराखंड में गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र के आगे के क्षेत्रों में अप्रैल में तीन महीने की लंबी कौशल और सहनशक्ति चुनौती शुरू की थी. इसका शीर्षक सोल ऑफ स्टील हिमालयन चैलेंज था. इवेंट के अंतिम चरण को ब्रिगेडियर अमन आनंद, कमांडर 9 (स्वतंत्र) माउंटेन ब्रिगेड ने हरी झंडी दिखाई.

ब्रिगेडियर अमन आनंद प्रतिभागियों से मिलते हुए

अप्रैल में शुरू हुआ था सोल ऑफ स्टील हिमालयन चैलेंज: भारतीय सेना और CLAW (Conquer Land Air Water) ग्लोबल के सहयोग से सोल ऑफ स्टील हिमालयन चैलेंजइसी साल अप्रैल के महीने में शुरू हुआ था. इसमें भारतीय सेना के विशेष बलों के दिग्गजों की एक टीम द्वारा एक साहसिक खेल पहल चल रही है. इस पहल के तहत स्टील हिमालयन चैलेंज को देश भर में औसत नागरिकों के लिए ऊंचाई वाली सहनशक्ति को उच्चतम स्तर पर पहुंचाने का अभियान चलाया गया है. इस अभियान में 1,401 अत्यधिक कुशल एथलीटों, साहसिक खेलों के लिए उत्साही लोगों और 94 महिलाओं सहित सशस्त्र बलों के उम्मीदवारों का परीक्षण किया गया.

ऐसे हुआ चयन: सोल ऑफ स्टील हिमालयन चैलेंजके शौकीनों के लिए दो चरण की स्क्रीनिंग रखी गई थी. ये दोनों ही चरण हिमालय की तरह कठोर रहे. दोनों चरणों की स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजरने के बाद आवेदकों कोपर्वतारोहण और साहसिक कौशल के परीक्षण से गुजरना पड़ा. इस कड़ी प्रक्रिया के तहत अंत में 23 प्रतिभागियों को 10 हफ्ते के प्रशिक्षण के लिए सलेक्ट किया गया. इसमें दो महिलाएं शामिल हैं. 10 हफ्ते लंबे इस प्रोग्राम के दो चरण पूरे हो चुके हैं. अब तीसरा और अंतिम चरण शुरू हो चुका है. इस चरण में प्रतिभागी हिमालय के बर्फ से ढके स्थानों पर अपना कौशल और जज्बा दिखाएंगे.

अंतिम चरण में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर दिखेगा साहस:अंतिम चरण में सोल ऑफ स्टील वॉरियर्स 17 हजार फीट की ऊंचाई पर गढ़वाल हिमालय की यात्रा पर निकले हैं. यहां उनके अब तक सीखे गए कौशल और तकनीकका परीक्षण होगा. क्योंकि उच्च हिमालय में थोड़ी सी भी चूक के लिए कोई जगह नहीं होगी. यहां सिर्फ चट्टानों और बर्फ से मुकाबला होगा. अंतिम चरण में प्रतिभागी बिना किसी सहयोगी की मदद के ग्लेशियरों, बर्फीली चोटियों, पर 100 किलोमीटर तक जोर आजमाइश करेंगे.
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18 जून को होगा समापन:रोमांच से भरे इस अभियान या प्रतियोगिता का समापन 18 जून को होगा. समापन उत्तरकाशी जिले के घनसाली में होगा. तब तक इस अभियान में शामिल प्रतिभागी रोमांच में इतनी कुशलता हासिल कर लेंगे कि वो हर मुकाबले के लिए तैयार हो जाएंगे.

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