दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

उत्तरकाशी टनल हादसा: अब भारतीय सेना ने संभाला मोर्चा, 320 मीटर का ट्रैक बनाने का मिला जिम्मा

Uttarkashi Tunnel Collapse, Indian Army entry in Uttarkashi Tunnel Rescue उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए भारतीय सेना ने मोर्चा संभाल लिया है. अब सेना अपने स्तर पर काम करने में जुटी हुई है. सेना को 320 मीटर का ट्रैक बनाने का जिम्मा मिला है, जहां से मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाला जाएगा. सेना में उम्मीद जताई है कि रविवार 19 नवंबर सुबह तक वो अपनी मिशन पूरा कर लेंगे.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 18, 2023, 7:03 PM IST

देहरादून (उत्तराखंड):उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे 7 राज्यों के 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाले के लिए अब सेना की भी मदद ली जा रही है. मेजर नमन नरूला ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सेना को टनल के ऊपर से ट्रैक बनाने का काम दिया गया है ताकि वो वर्टिकल ड्रिलिंग कर सकें. मेजर नमन नरूला के मुताबिक, सेना को 320 मीटर का ट्रैक बनाना है ताकि ड्रिलिंग मशीन का ऊपर पहुंचाया जा सके.

मेजर नमन नरूला ने बताया कि उनकी टीम कल यानी रविवार 19 नवंबर सुबह तक अपना काम पूरा कर लेगी. मेजर नमन नरूला की मानें तो सेना युद्ध स्तर पर काम कर रही है, ताकि जल्द से जल्द अंदर फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके. 320 मीटर का ट्रैक बनाने में सेना के 150 जवान लगे हुए हैं. मेजर नमन का मानना है कि 80 से 120 मीटर की खुदाई के बाद उन्हें सफलता मिल सकती है, जिसके बाद आसानी से मजदूरों का रेस्क्यू किया जा सकता है.

पढ़ें- पीएम मोदी चाहते हैं जल्द पूरा हो उत्तरकाशी में रेस्क्यू, पहाड़ के टॉप से ड्रिलिंग की भी संभावना, टीम ने लिया जायजा

बता दें कि, 12 नवंबर दीपावली की सुबह करीब 5.30 बजे मजदूर टनल में काम कर रहे थे, तभी अचानक टनल के बीच में मलबा गिर गया. इस दौरान कुछ मजदूर तो जान बचाकर बाहर आ गए, लेकिन 41 मजदूर टनल के पिछले हिस्से में फंस गए. दीपावली के दिन से ही मजदूरों का रेस्क्यू करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन सात दिनों के बाद भी रेस्क्यू टीम को कोई सफलता नहीं मिली है.

अभीतक दो अलग-अलग ड्रिलिंग मशीनें मंगवाई थी, जिनकी मदद से मजदूरों को निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन दोनों ही बार रेस्क्यू टीम को सफलता नहीं मिली. वहीं, आज 18 नवंबर को मध्य प्रदेश के इंदौर से एक और हैवी ड्रिलिंग ऑगर मशीन मगंवाई गई है, जिसकी मदद से मजदूरों को निकालने के प्रयास किया जा रहा है. इसी के साथ अब रेस्क्यू ऑपरेशन में सीधे तौर पर सेना की मदद ली जा रही है. आर्मी के जवान अब 320 मीटर का ट्रैक बनने में जुटे हुए हैं, जिसके लिए वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है. यदि सब कुछ सही रहा तो जल्द ही अंदर फंसे मजदूरों को जल्द ही बाहर निकाला लिया जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details