अलवर :राजस्थान स्थित सरिस्का टाइगर रिजर्व (Sariska Tiger Reserve) के लगभग 500 हेक्टेयर वन क्षेत्र में लगी आग को Aerial छिड़काव से बुझाने का प्रयास किया जा रहा है. इस आग को बुझाने के लिए वायुसेना की मदद ली गई है. रविवार रात को सरिस्का के जंगलों में आग लगी थी. सोमवार तड़के करीब 5 बजे 12 घंटे बाद आग पर काबू पा लिया गया था. लेकिन सोमवार को दिन में तेज हवा चलने के कारण अचानक आग सुलग गई और देर रात तक आग बेकाबू हो गई. जंगल में लगी आग नियंत्रण से बाहर होने के बाद जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग से सैन्य सहयोग, एरियल हाइड्रोलिक प्लेटफार्म एवं हेलीकॉप्टर प्रेशर से पानी की बौछार किए जाने के लिए सहयोग मांगा.
सरिस्का के जंगलों (Sariska Tiger Reserve) में फैली आग को बुझाने के लिए वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर मंगलवार सुबह अलवर से सरिस्का पहुंचे (Indian Air Force Helicopters called to douse Sariska Forest Fire). सिलीसेढ़ से पानी एयर लिफ्ट कर आग बुझाने का काम किया जा रहा है. सरिस्का प्रशासन ने वायु सेना के हेलीकॉप्टर चालकों को जीपीएस उपलब्ध कराई है जिसकी सहायता से वो जंगल में आग बुझाने का काम कर रहे हैं.
सरिस्का के क्षेत्र निदेशक आरएन मीणा ने बताया कि गत रविवार को बाघ परियोजना सरिस्का (Sariska Tiger Reserve) की अकबरपुर रेंज के बालेटा- पृथ्वीपुरा नाका के आसपास क्षेत्रों में सूखी घास एवं पौधों में अज्ञात कारणों से आग लग गई (Sariska Forest Fire) थी.आग को बुझाने के लिए फायर लाइन बनाने के साथ अन्य प्रयास किए गए, लेकिन आग नियंत्रण से बाहर होने के कारण सोमवार रात तक इस पर काबू नहीं पाया जा सका.इस क्षेत्र में आग लगने से वन एवं वनस्पति, घास, छोटी झाड़ियां, बांस, सालर, धोक के वृक्ष और अन्य प्रजातियों के साथ वन्यजीवों के आवास को भी क्षति पहुंची है. परेशानी की बात ये है कि आग वाला जंगल बाघिन एसटी-17 और उसके पिछले दिनों जन्में दो शावकों का विचरण क्षेत्र भी है.