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Sariska Forest Fire: आग बुझाने में जुटा Air Force, हेलीकॉप्टर से पानी का छिड़काव - 500 हेक्टेयर वन क्षेत्र में लगी आग

सरिस्का के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए भारतीय वायुसेना की मदद ली गई है. सेना के 2 हेलीकॉप्टर Aerial छिड़काव कर रहे हैं. लगातार 2 दिनों से बढ़ रही आग से प्रशासन भी पस्त है.अकबरपुर रेंज के बालेटा और पृथ्वीपुरा नाके के आसपास क्षेत्र की सूखी घास एवं पौधों में अज्ञात कारणों से लगी आग दूसरे दिन सोमवार देर रात तक बेकाबू हो गई थी.

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Published : Mar 29, 2022, 1:31 PM IST

Updated : Mar 29, 2022, 2:08 PM IST

अलवर :राजस्थान स्थित सरिस्का टाइगर रिजर्व (Sariska Tiger Reserve) के लगभग 500 हेक्टेयर वन क्षेत्र में लगी आग को Aerial छिड़काव से बुझाने का प्रयास किया जा रहा है. इस आग को बुझाने के लिए वायुसेना की मदद ली गई है. रविवार रात को सरिस्का के जंगलों में आग लगी थी. सोमवार तड़के करीब 5 बजे 12 घंटे बाद आग पर काबू पा लिया गया था. लेकिन सोमवार को दिन में तेज हवा चलने के कारण अचानक आग सुलग गई और देर रात तक आग बेकाबू हो गई. जंगल में लगी आग नियंत्रण से बाहर होने के बाद जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग से सैन्य सहयोग, एरियल हाइड्रोलिक प्लेटफार्म एवं हेलीकॉप्टर प्रेशर से पानी की बौछार किए जाने के लिए सहयोग मांगा.

सरिस्का के जंगलों (Sariska Tiger Reserve) में फैली आग को बुझाने के लिए वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर मंगलवार सुबह अलवर से सरिस्का पहुंचे (Indian Air Force Helicopters called to douse Sariska Forest Fire). सिलीसेढ़ से पानी एयर लिफ्ट कर आग बुझाने का काम किया जा रहा है. सरिस्का प्रशासन ने वायु सेना के हेलीकॉप्टर चालकों को जीपीएस उपलब्ध कराई है जिसकी सहायता से वो जंगल में आग बुझाने का काम कर रहे हैं.

सरिस्का के जंगलों में लगी आग को बुझाने का प्रयास (वीडियो)

सरिस्का के क्षेत्र निदेशक आरएन मीणा ने बताया कि गत रविवार को बाघ परियोजना सरिस्का (Sariska Tiger Reserve) की अकबरपुर रेंज के बालेटा- पृथ्वीपुरा नाका के आसपास क्षेत्रों में सूखी घास एवं पौधों में अज्ञात कारणों से आग लग गई (Sariska Forest Fire) थी.आग को बुझाने के लिए फायर लाइन बनाने के साथ अन्य प्रयास किए गए, लेकिन आग नियंत्रण से बाहर होने के कारण सोमवार रात तक इस पर काबू नहीं पाया जा सका.इस क्षेत्र में आग लगने से वन एवं वनस्पति, घास, छोटी झाड़ियां, बांस, सालर, धोक के वृक्ष और अन्य प्रजातियों के साथ वन्यजीवों के आवास को भी क्षति पहुंची है. परेशानी की बात ये है कि आग वाला जंगल बाघिन एसटी-17 और उसके पिछले दिनों जन्में दो शावकों का विचरण क्षेत्र भी है.

इस बीच वन विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि जंगल में लगी आग पर रविवार को कुछ हद तक काबू पा लिया गया था. रात को मौसम ठंडा होने पर आग की रफ्तार कम हो गई थी जिससे आग की लपटें कम हो गई. वहीं सोमवार दोपहर आग ऊंची पहाड़ी पर पहुंच गई और तेज हवा चलने के कारण आग ने विकराल रूप धारण कर लिया. अलवर में पहली बार आग बुझाने के लिए सेना की मदद ली जा रही है. इसके लिए प्रशासन ने खासे इंतजाम किए हैं.

मधुमक्खियों ने बढ़ाई परेशानी: वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जंगल में आग लगने के कारण जंगल क्षेत्र में लगे मधुमक्खी के छत्ते टूट गए हैं. ऐसे में लगातार पूरे क्षेत्र में मधुमक्खियां घूम रही हैं. इसके चलते जंगल क्षेत्र में आग बुझाने के कार्य में लगे वन कर्मी और ग्रामीणों को खासी परेशानी (Bees Are creating problem In Sariska Fire Dousing) का सामना करना पड़ रहा है. मधुमक्खियां वन कर्मियों और ग्रामीणों पर हमला कर रही हैं.

पढ़ें :सरिस्का के जंगलों में लगी भीषण आग, 500 हेक्टेयर जंगल जलकर राख

फिलिंग की है व्यवस्था:प्रशासन ने ATF को लेकर बैकअप प्लान भी तैयार (Sariska administration Back Up Plan For Dousing Sariska Fire) कर रखा है. एडीएम सिटी सुनीता पंकज ने बताया कि एयरफोर्स की तरफ से हेलीकॉप्टरों में फ्यूल के दिक्कत न हो. उसके लिए अलग से फ्यूल फील करने के लिए एक हेलीकॉप्टर भेजा है. जिससे आग बुझाने के काम में किसी भी तरह की दिक्कत न हो सके.

Last Updated : Mar 29, 2022, 2:08 PM IST

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