बाली (इंडोनेशिया): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यूक्रेन विवाद को सुलझाने के लिए 'युद्धविराम और कूटनीति' के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया. साथ ही रूसी तेल व गैस खरीद के खिलाफ पश्चिमी देशों के आह्वान के बीच उन्होंने ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी प्रतिबंध को बढ़ावा देने का विरोध किया. मोदी ने वार्षिक जी20 शिखर सम्मेलन के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 वैश्विक महामारी और यूक्रेन संकट के कारण उत्पन्न वैश्विक चुनौतियों ने दुनिया में तबाही मचा दी है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला 'चरमरा' गई है.
भारत की जी-20 की आगामी अध्यक्षता का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि जब (गौतम) बुद्ध और (महात्मा) गांधी की धरती पर जी-20 की बैठक होगी, तो हम सभी एकसाथ विश्व को शांति का ठोस संदेश देंगे. खाद्य व ऊर्जा सुरक्षा पर बुलाए गए सत्र में मोदी ने वैश्विक समस्याओं के असर को रेखांकित किया और कहा कि पूरी दुनिया में आवश्यक वस्तुओं का संकट है और हर देश के गरीब नागरिकों के लिए चुनौतियां अधिक बढ़ गई हैं. मोदी ने कहा कि भारत की ऊर्जा-सुरक्षा वैश्विक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है.
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जी20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दोहराया कि नई दिल्ली अन्य विकासशील देशों को आवाज देगी. पीएम मोदी ने पुष्टि की कि भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान अन्य विकासशील देशों को आवाज देगा, और कमजोर देशों की सहायता करने में जी -20 की भूमिका पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि समावेशी विकास का समर्थन करना, आर्थिक सुरक्षा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना; बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों के लिए बेहतर और अभिनव वित्तपोषण मॉडल विकसित करना; जलवायु परिवर्तन, महामारी, आर्थिक नाजुकता, गरीबी कम करने और एसडीजी हासिल करने जैसी चुनौतियों का समाधान प्रदान करना; और बुनियादी ढांचे के अंतर को बंद करने के लिए सार्वजनिक और निजी वित्तपोषण का लाभ उठाना शामिल है.
उन्होंने कहा कि हमें ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी प्रतिबंध को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और ऊर्जा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित की जानी चाहिए. इस सत्र में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सहित कई विश्व नेताओं ने हिस्सा लिया. प्रधानमंत्री ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मद्देनजर रूसी तेल व गैस की खरीद के खिलाफ पश्चिमी देशों के आह्वान के बीच ऊर्जा आपूर्ति पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाने का आह्वान किया. भारत रियायती दरों पर रूसी कच्चा तेल खरीदता रहा है.
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मोदी ने कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण के लिए प्रतिबद्ध है. इंडोनेशिया के बाली में हो रहे शिखर सम्मेलन में उन्होंने कहा कि 2023 तक हम अपनी जरूरत की आधी बिजली का उत्पादन नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से करेंगे. समावेशी ऊर्जा परिवर्तन के लिए विकासशील देशों को समयबद्ध और किफायती वित्त व प्रौद्योगिकी की सतत आपूर्ति की जरूरत है. यूक्रेन संघर्ष पर उन्होंने बातचीत के माध्यम से संकट को हल करने का अपना आह्वान दोहराया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने बार-बार कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्ध-विराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का तरीका तलाशना होगा. पिछली शताब्दी में द्वितीय विश्व युद्ध ने दुनिया पर कहर बरपाया था. उन्होंने कहा कि उसके बाद उस दौर के नेताओं ने गंभीरता से शांति की राह पर चलने का प्रयास किया. अब हमारी बारी है. कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद एक नयी विश्व व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी हमारे कंधों पर है.