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यूएई के साथ हुआ व्यापार समझौता रोजगार के 10 लाख अवसर प्रदान करेगा: गोयल - commerce minister Piyush Goyal

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (commerce minister Piyush Goyal) ने कहा है कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच मुक्त व्यापार समझौता होने से 10 लाख नौकरियों के अवसर मिलेंगे. उन्होंने उक्त बातें एक संवाददाता सम्मेलन में कहीं.

commerce minister Piyush Goyal
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल

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Published : Feb 20, 2022, 1:40 AM IST

मुंबई : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (commerce minister Piyush Goyal) ने शनिवार को कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच हुआ व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) न केवल द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूत करेगा बल्कि निर्यात को भी बढ़ावा देगा. उन्होंने कहा कि इस समझौते से भारत में रोजगार के 10 लाख अवसर उत्पन्न होंगे.

भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने शुक्रवार को 88 दिनों के कम समय में वार्ता समाप्त करने के बाद व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'सीईपीए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों, स्टार्टअप, किसानों, व्यापारियों और विभिन्न व्यवसायों के लिए बेहद फायदेमंद होगा. यह समझौता माल एवं सेवाओं दोनों के लिए बाजार तक पहुंच प्रदान करेगा और हमारे युवाओं के लिए रोजगार पैदा करेगा। यह हमारे स्टार्टअप के लिए नए बाजार खोलेगा, हमारी कारोबारी व्यवस्था को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा और हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा.'

गोयल ने कहा कि क्षेत्रवार विचार-विमर्श से पता चला है कि यह समझौता भारतीय नागरिकों के लिए अतिरिक्त 10 लाख रोजगार के अवसर पैदा करेगा. वहीं मुक्त व्यापार समझौते से भारत और संयुक्त अरब अमीरात की कंपनियों को महत्वपूर्ण लाभ मिलेंगे. इसमें बेहतर बाजार पहुंच और कम शुल्क दरें शामिल हैं. इस एफटीए से अगले पांच साल में दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार मौजूदा 60 अरब डॉलर से बढ़कर 100 अरब डॉलर पहुंच जाने की उम्मीद है.

उल्लेखनीय है कि भारत और यूएई ने व्यापार समझौते के लिये औपचारिक बातचीत पिछले साल सितंबर में शुरू की थी. कुल 881 पृष्ठ के समझौते को रिकार्ड 88 दिनों में ही पूरा कर लिया गया. गोयल ने कहा कि यह व्यापक और सतंतुलित व्यापार समझौता है. मंत्री ने कहा, 'यह एक नया उल्लेखनीय समझौता है जिसका लाभ दवा उद्योग को पहली बार मिला है. यह यूएई में हमारे उत्पादों के लिए दरवाजे खोलेगा... व्यापार केंद्र की वजह से यूएई पश्चिम एशिया के अन्य देशों और पूरे अफ्रीकी महाद्वीप के लिए द्वार है.

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इस समझौते से कपड़ा, हथकरधा, रत्न और आभूषण, चमड़ा और जूता-चप्पल जैसे श्रम गहन क्षेत्रों में 10 लाख नौकरियों के अवसर बनेंगे. दवा क्षेत्र के बारे में गोयल ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात ने सहमति व्यक्त की है कि यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, कनाडा या ऑस्ट्रेलिया द्वारा अनुमोदित भारत में बने चिकित्सा उत्पादों को आवेदन जमा करने के 90 दिनों के भीतर बाजार पहुंच और नियामकीय मंजूरी प्राप्त होगी. जहां यूएई भारतीय आभूषणों पर शुल्क समाप्त करने पर सहमत हो गया है, वहीं भारत 200 टन तक सोने के आयात पर शुल्क में छूट देगा.

भारतीय सेवा क्षेत्र के लाभ के बारे में उन्होंने कहा कि समझौते से सेवाओं से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों की आसान बाजार पहुंच होगी. संयुक्त अरब अमीरात के निवेशकों को होने वाले लाभ का जिक्र करते हुए गोयल ने कहा कि दोनों पक्ष भारत में एक ऐसी व्यवस्था पर विचार कर रहे हैं, जिससे बुनियादी ढांचा और लॉजिस्टिक श्रृंखला में निवेश को तेजी से गति मिले. उन्होंने यह भी कहा कि समझौते में सुरक्षा के भी उपाय किये गये हैं। इसमें स्थायी तौर पर सुरक्षा के उपाय किए गए हैं.

मंत्री ने कहा कि यूएई की सरकारी एजेंसी उत्पादों की उत्पत्ति को प्रमाणित करेगी. इसलिए लोग सामान किसी तीसरे देश से नहीं ले सकते. संयुक्त अरब अमीरात के विदेश व्यापार राज्य मंत्री थानी बिन अहमद अल जेयोदी ने कहा कि यह समझौता 2030 तक संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 1.7 प्रतिशत या 8.9 डॉलर का इजाफा करेगा और निर्यात में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि करेगा.

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समझौते में वस्तुओं, सेवाएं, उत्पत्ति के नियमों, सीमा शुल्क प्रक्रियाओं, सरकारी खरीद, बौद्धिक संपदा अधिकार और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया है.इस प्रकार के समझौतों में दोनों भागीदार देश व्यापार वाले ज्यादातर वस्तुओं पर सीमा शुल्क में उल्लेखनीय कमी करते हैं या उसे समाप्त कर देते हैं. इसके अलावा, वे सेवा क्षेत्र में व्यापार बढ़ाने और निवेश को गति देने वाले नियमों को उदार बनाते हैं. दोनों देशों के बीच 2020-21 में द्विपक्षीय व्यापार 43.3 अरब डॉलर था. यूएई को अफ्रीका और दुनिया के अन्य भागों के लिये प्रवेश द्वार माना जाता है.

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