नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान से कहा कि वह मौत की सजा का सामना कर रहे भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के अपील के अधिकार संबंधी नेशनल एसेम्बली द्वारा पारित विधेयक की खामियों को दूर करने के लिये समुचित कदम उठाये.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने पाकिस्तान नेशनल एसेम्बली द्वारा पारित समीक्षा एवं पुनर्विचार विधेयक 2020 से संबंधित खबरों को देखा है. यह विधेयक इस संबंध में पूर्व के अध्यादेश के संबंध में लाया गया था जिसमें खामियां रही हैं.
उन्होंने कहा कि इसमें ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे जाधव के मामले में प्रभावी समीक्षा एवं पुनर्विचार की सुविधा प्रदान की जा सके जैसा कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले में कहा गया है. बागची ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि जाधव को राजनयिक पहुंच मुहैया कराने में विफल रहने के कारण पाकिस्तान ने अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा नहीं किया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस संबंध में अध्यादेश और अब विधेयक में पाकिस्तान में निचली अदालत को अधिकार दिया गया है. निचली अदालत इस बात पर गौर कर सकती है कि क्या जाधव को राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने में विफल रहने पर उनके साथ कोई पक्षपात हुआ है.
बागची ने कहा कि यह बुनियादी बातों का उल्लंघन है क्योंकि निचली अदालत या स्थानीय निकाय अदालत यह तय नहीं कर सकती कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है या नहीं.