नई दिल्ली :वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत कोविड-19 टीके की 1.6 अरब खुराक खरीदने वाला सबसे बड़ा खरीदार होगा. इतने टीके से 80 करोड़ लोगों या आबादी के 60 प्रतिशत हिस्से का टीकाकरण हो जाएगा और 'हर्ड इम्युनिटी' विकसित करने के लिए भी इतनी संख्या पर्याप्त होगी.
अमेरिका की ड्यूक यूनिवर्सिटी के ग्लोबल हेल्थ इनोवेशन सेंटर के मुताबिक भारत ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके की 50 करोड़ खुराक, अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स से एक अरब खुराक और रूस के गमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट से 10 करोड़ खुराक खरीदने वाला है.
हर दो सप्ताह पर अद्यतन किए जाने वाले 'लॉन्च एंड स्केल स्पीडोमीटर' विश्लेषण से पता चलता है कि भारत ने तीनों टीके की 1.6 अरब खुराक खरीदने की पुष्टि की है, जबकि अमेरिका और यूरोपीय संघ छह टीके की खुराक खरीदेंगे.
विश्लेषण के मुताबिक, अग्रिम खरीदार के तौर पर कोविड-19 टीका खरीदारी के मामले में भारत शीर्ष पर है. इसके बाद यूरोपीय संघ है जो 1.58 अरब खुराक खरीदेगा. संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका एक अरब से ज्यादा खुराक की खरीदारी पर मुहर लगा चुका है. हर देश अपनी आबादी को कोरोना वायरस से सुरक्षित करने के लिए नयी रणनीति अपना रहे हैं.
ड्यूक यूनिवर्सिटी ने कोविड-19 टीके की खरीदारी के लिए वैश्विक स्तर पर हुए समझौते के संबंध में विश्लेषण जारी किया है. हालांकि अब तक टीकाकरण की शुरुआत कहीं पर भी नहीं हुई है. ड्यूक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने विश्लेषण में उल्लेख किया, भारत और ब्राजील जैसे निर्माण क्षमता वाले देशों ने बाजार में टीके के आने के पहले ही अग्रणी टीका निर्माताओं के साथ इसको लेकर समझौते कर लिए हैं.