नई दिल्ली : भारत कोविड-19 की वजह से अर्थव्यवस्था में आई गिरावट से चालू वित्त वर्ष 2021-22 में तेजी से उबरने वाले कुछ देशों में होगा. वित्त मंत्रालय की शनिवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुनिया की उन चुनिंदा अर्थव्यवस्थाओं में से है, जो इस 'संकुचन' से अधिक तेजी से उबरेंगे. इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में तेजी से टीकाकरण की वजह से कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन से अर्थव्यवस्था पर अधिक गंभीर प्रभाव नहीं पड़ेगा.
वित्त मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा (Economic Review) में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सालाना आधार पर 8.4 प्रतिशत रही है. इस तरह देश का उत्पादन 2019-20 की समान महामारी-पूर्व की अवधि से 100 प्रतिशत से अधिक सुधरा है.
रिपोर्ट कहती है, 'भारत उन कुछ देशों में शामिल है, जिन्होंने कोविड-19 के बीच लगातार चार तिमाहियों (बीते वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तथा चालू वित्त वर्ष की पहली और दूसरी) में वृद्धि दर्ज की है. यह भारतीय अर्थव्यवस्था की जुझारू क्षमता को दर्शाता है. देश के सेवा क्षेत्र में पुनरुद्धार हुआ है, विनिर्माण क्षेत्र पूरी तरह उबर चुका है और कृषि क्षेत्र भी सतत वृद्धि दर्ज कर रहा है.'
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह पुनरुद्धार निवेश चक्र के फिर शुरू होने का संकेत देता है. इसे टीकाकरण में तेजी से मदद मिली है. रिपोर्ट में कहा गया कि चालू वित्त वर्ष की शेष तिमाही में अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार और तेजी पकड़ेगा. सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में 22 में से 19 उच्च चक्रीय संकेतकों (एचएफआई) का प्रदर्शन महामारी पूर्व यानी 2019 के समान महीनों की तुलना में बेहतर रहा है.
'ओमीक्रोन का अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव नहीं पड़ेगा'