नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार भारत की आबादी बढ़कर 142.86 करोड़ हो गई है. वह चीन को पीछे छोड़ दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है. संयुक्त राष्ट्र के विश्व जनसंख्या 'डैशबोर्ड' (मंच) के अनुसार, चीन की आबादी 142.57 करोड़ है. यूएनएफपीए की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 25 प्रतिशत जनसंख्या 0-14 वर्ष के आयु वर्ग में है, 18 प्रतिशत 10 से 19 आयु वर्ग में, 26 प्रतिशत 10 से 24 वर्ष की आयु वर्ग में, 68 प्रतिशत 15 से 64 वर्ष आयु वर्ग में प्रतिशत और 65 वर्ष से ऊपर 7 प्रतिशत.
संयुक्त राष्ट्र 1950 से जनसंख्या डेटा एकत्र कर रहा है. इसके बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र की सबसे अधिक आबादी वाले देशों की सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया है. एक साल पहले, चीन की आबादी 1960 के बाद पहली बार घटी. 2016 में, बीजिंग ने अपनी सख्त 'एक-बच्चा नीति' को समाप्त कर दिया. यह नीति 1980 के दशक में जनसंख्या विस्फोट के डर से लागू की गई थी. 2021 में जोड़ों को तीन बच्चे तक पैदा करने की छूट मिल गई थी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन एक जनसांख्यिकीय गिरावट जैसे आसन्न संकट का सामना कर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, चीन की कार्यबल आयु और प्रजनन दर लगातार घट रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका 340 मिलियन की अनुमानित जनसंख्या के साथ तीसरे स्थान पर है.
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विभिन्न एजेंसियों के अनुमानों ने सुझाव दिया है कि भारत की जनसंख्या लगभग तीन दशकों तक बढ़ती रहने की उम्मीद है. अनुमान है कि 165 करोड़ पर पहुंचने के बाद इसमें गिरावट आयेगी. जनसंख्या विशेषज्ञों ने संयुक्त राष्ट्र के पिछले आंकड़ों का उपयोग करते हुए अनुमान लगाया था कि भारत इस महीने चीन को पीछे छोड़ देगा. लेकिन वैश्विक निकाय की नवीनतम रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि परिवर्तन कब होगा.