नई दिल्ली : भारत और श्रीलंका के बीच बहुप्रतीक्षित पैसेंजर फेरी सर्विस (India sri Lanka Ferry Service) को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई. ये योजना दोनों देशों के बीच लगभग 40 साल बाद शुरू हुई है. ये नौका यात्रा तमिलनाडु के नागपट्टिनम और श्रीलंका के जाफना में कांकेसंथुराई के बीच संचालित होगी, जो कि केवल तीन घंटे में पूरी होगी. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Ferry Service launched by PM) ने इस सर्विस के शुरू होने से दोनों देशों के लोगों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ने की उम्मीद जतायी है, वहीं विदेश मंत्री जयशंकर ने इस पहल को बड़ा कदम बताया है. इस फेरी सर्विस से जुड़ी कुछ अहम बातें आप भी जानें...
क्यों बंद हुई फेरी सर्विस : भारत और श्रीलंका के बीच भौगोलिक निकटता को देखते हुए, नौका सेवाएं पारंपरिक रूप से दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी का एक महत्वपूर्ण स्रोत रही हैं, जिससे सदियों से लोगों, व्यापार और वस्तुओं की आवाजाही में सुविधा होती है. लेकिन श्रीलंका में गृह युद्ध के कारण चालीस साल तक भारत और द्वीप गणराज्य के बीच नौका सेवाएं ठप थीं. सुरक्षा कारणों से 1980 के दशक में भारत और श्रीलंका के बीच नौका सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं. इसके बाद, मई 2011 में तूतीकोरिन (तमिलनाडु) और कोलंबो (श्रीलंका) (152 एनएम यानी 281 किमी, और दूरी 10-12 घंटे) के बीच नौका सेवाएं शुरू की गईं. हालांकि, व्यावसायिक व्यवहार्यता की कमी और अधिक समय के कारण नवंबर 2011 में सेवा को एक बार फिर सस्पेंड कर दिया गया था. विदेश मंत्रालय और एमओपीएसडब्ल्यू ने शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) से नागपट्टिनम और कांकेसंथुराई के बीच नौका सेवा संचालित करने का अनुरोध किया.
जहाज 'चेरियापानी' की खासियत : शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) द्वारा ये नौका सेवा संचालित की जाएगी. एससीआई के मुताबिक, ये सेवा कम लागत वाली यात्रा करने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करेगी. केवल तीन घंटे में तमिलनाडु से श्रीलंका पहुंचाने वाले क्रूज का नाम 'चेरियापानी' है. इस जहाज में डेढ सौ यात्रियों को ले जाने की क्षमता है और यह पूरी तरह से वातानुकूलित है. हालांकि, ये फेरी सर्विस केवल 10 दिनों तक चलेगी और फिर बंद कर दी जाएगी. चूंकि पूर्वोत्तर मानसून के कारण बंगाल की खाड़ी में तूफान उठने की आशंका है, जिसके कारण नागापट्टिनम और श्रीलंका के बीच यह फेरी सर्विस मार्च 2024 से फिर से शुरू की जाएगी. नागपट्टिनम और कांकेसंथुराई के बीच लगभग 60 समुद्री मील (110 किलोमीटर) की दूरी समुद्र की स्थिति के आधार पर करीब साढ़े तीन घंटे में तय होगी.