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गलवान संघर्ष के कमांडर को चीन द्वारा ओलंपिक का मशाल वाहक बनाने को भारत ने 'अफसोसनाक' बताया - China honouring PLA Galwan commander as Winter Olympics torchbearer

गलवान घाटी संघर्ष में शामिल एक सैन्य कमांडर को ओलंपिक मशाल वाहक के रूप में सम्मानित करने को लेकर चीन में होने वाले 2022 शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में भारत शामिल नहीं होगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इसे अफसोसजनक बताया.

Foreign Ministry spokesperson Arindam Bagchi
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची

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Published : Feb 3, 2022, 6:59 PM IST

नई दिल्ली : भारत ने बृहस्पतिवार को घोषणा की है कि गलवान घाटी संघर्ष में शामिल एक सैन्य कमांडर को ओलंपिक मशाल वाहक के रूप में सम्मानित करने को लेकर बीजिंग में भारतीय दूतावास के प्रभारी चीन की राजधानी में होने वाले 2022 शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में शामिल नहीं होंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सैन्य कमांडर को इस तरह से सम्मानित करने के चीन के कदम को अफसोसनाक करार दिया.

बागची ने सप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि बीजिंग में भारतीय दूतावास के प्रभारी बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में शामिल नहीं होंगे. पीएलए के गलवान घाटी के कमांडर को शीतकालीन ओलंपिक मशाल देकर चीन द्वारा सम्मानित किए जाने के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'हमने इस मुद्दे पर रिपोर्ट देखी है. यह अफसोस की बात है कि चीन ने ओलंपिक जैसे आयोजन का राजनीतिकरण करना चुना.'

ये भी पढ़ें - चीन ने गलवान में जख्मी हुए PLA कमांडर को सौंपी विंटर ओलंपिक की मशाल

गौरतलब है कि गलवान घाटी में 15 जून 2020 को संघर्ष में शामिल पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के रजिमेंट कमांडर को बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक के मशाल वाहक के रूप में चुना है. 15 जून 2020 को गलवान घाटी में संघर्ष के बाद पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद बढ़ गया था. इस संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे. पिछले वर्ष फरवरी में चीन ने आधिकारिक रूप से स्वीकार किया कि उसके पांच सैन्य अधिकारी एवं जवान शहीद हुए थे.

(पीटीआई-भाषा)

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