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देश को 2022-23 में 1505,198 मिलियन बिजली यूनिट की होगी जरूरत : सरकार

भारत को वर्ष 2022-23 में 1505198 मिलियन बिजली यूनिट की जरूरत होगी. यह जानकरी केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह (Union Power Minister RK Singh) ने लोकसभा में दी. पढ़िए पूरी खबर...

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Published : Jul 28, 2022, 5:12 PM IST

नई दिल्ली: देश में वर्ष 2022-23 के 1505198 मिलियन बिजली यूनिट की आवश्यकता का अनुमान है. इस बारे में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने वर्ष 2022-23 के लिए बिजली की आपूर्ति और मांग का आकलन किया है. इस बारे में लोकसभा में गुरुवार को जानकारी देते हुए केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह (Union Power Minister RK Singh) ने बताया कि सीईए द्वारा प्रकाशित लोड जनरेशन बैलेंस रिपोर्ट (LGBR) 2022-23 के अनुसार, वर्ष 2022-23 के लिए देश में अनुमानित ऊर्जा उपलब्धता 1549,597 एमयू के मुकाबले अखिल भारतीय ऊर्जा आवश्यकता 1,505,198 मिलियन यूनिट आंकी गई है. सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न का लिखित में जवाब दे रहे थे.

उन्होंने बताया कि बिजली मंत्रालय ने बिजली संयंत्रों को बिजली की मांग को पूरा करने के लिए अपने बिजली संयंत्र में पर्याप्त कोयला रखने की सलाह दी है. मंत्री ने कहा कि कोयला आपूर्ति और बिजली उत्पादन क्षमता में वृद्धि के लिए और कोयले की मध्यम और दीर्घकालिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए एक सचिव स्तर की अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया है. बता दें कि अंतर मंत्रालयी समिति में अध्यक्ष रेलवे बोर्ड, सचिव कोयला मंत्रालय, सचिव पर्यावरण और वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सदस्य और सचिव विद्युत मंत्रालय संयोजक के रूप में शामिल हैं.

एक अन्य जवाब में, सिंह ने कहा कि वित्तीय सेवा विभाग (DFS) ने 2017 में 40130 मेगावाट की कुल क्षमता के साथ 34 कोयला आधारित ताप विद्युत परियोजनाओं की पहचान की है. उन्होंने कहा इनमें से 32 परियोजनाएं निजी क्षेत्र की थीं, जिनकी कुल क्षमता 38540 मेगावाट थी और 2 परियोजनाएं सार्वजनिक क्षेत्र की थीं जिनकी कुल क्षमता 1590 मेगावाट थी. सिंह ने कहा कि 8690 मेगावाट की कुल क्षमता वाली 8 परियोजनाओं को प्रबंधन में बदलाव के माध्यम से हल किया गया है और इन सभी परियोजनाओं को निजी क्षेत्र की कंपनियों ने अपने कब्जे में ले लिया है. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र सहित पांच राज्यों में 10530 मेगावाट की 10 ऐसी परियोजनाएं भी ठप पड़ी हैं.

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