दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

China Standard Map: चीन के नए नक्शे को भारत ने किया खारिज, विदेश मंत्रालय रख रहा मामले पर कड़ी नजर - विदेश मंत्रालय

चीन ने अपने मानक मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्र को चीन का हिस्सा दर्शाया, लेकिन एक दिन बाद ही भारत ने अपना मानक मानचित्र जारी करते हुए, चीन के दावे को खारिज कर दिया है.

India rejected China's new map
चीन के नए नक्शे को भारत ने किया खारिज

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 29, 2023, 8:42 PM IST

नई दिल्ली: भारत ने मंगलवार को अपने नए जारी मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्र पर चीन के दावे को सिरे से खारिज कर दिया. यह चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर क्षेत्रों पर क्षेत्रीय दावा करते हुए एक नया नक्शा जारी करने के एक दिन बाद आया है, जिसने एक बार फिर राजनयिक चिंताओं को बढ़ा दिया है और मौजूदा विवादों को फिर से हवा दे दी है.

इस मामले पर मीडिया के एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने आज चीन के तथाकथित 2023 मानक मानचित्र पर चीनी पक्ष के साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से एक मजबूत विरोध दर्ज कराया है, जो भारत के क्षेत्र पर दावा करता है. बागची ने कहा कि हम इन दावों को खारिज करते हैं, क्योंकि इनका कोई आधार नहीं है. चीनी पक्ष के ऐसे कदम केवल सीमा प्रश्न के समाधान को जटिल बनाते हैं.

चीन विशेषज्ञ और स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के डीन और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में चीन अध्ययन के प्रोफेसर श्रीकांत कोंडापल्ली ने ईटीवी भारत को बताया कि 2012 में शी जिनपिंग के सत्ता संभालने के बाद से उन्होंने मुख्य हितों यानी संप्रभुता के मुद्दों पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि चीन के दावों को मजबूत करने के लिए दो साल पहले एक भूमि सीमा कानून पारित किया गया था.

कोंडापाली ने बताया कि यहां तक कि रूस, कजाकिस्तान और अन्य देशों में भी चीन इसी तरह की कार्टोग्राफिक आक्रामकता कर रहा है. यह सब सुझाव देता है कि भारत को अपनी नीति में सक्रिय होने की जरूरत है. दूर-दराज के क्षेत्रों पर अपना नियंत्रण मजबूत करना, बुनियादी ढांचे का विकास करना और सेनाएं जुटाना. इसके अलावा, भारत को एक-चीन नीति की समीक्षा करने की आवश्यकता है.

चीन का ऐसा प्रयास भारत द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने से कुछ दिन पहले आया है, जिसमें 25 से अधिक विश्व नेता और अन्य अतिथि देश भाग लेंगे. जाहिर है, सभी की निगाहें वैश्विक क्षेत्र में भारत की स्थिति और वैश्विक दक्षिण में अपने सभी पड़ोसियों के साथ भारत के संबंधों पर हैं. चीन के ग्लोबल टाइम्स ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि यह नक्शा चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की ड्राइंग पद्धति के आधार पर संकलित किया गया है.

नए मानचित्र का विशेष महत्व अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को शामिल करना है. दोनों क्षेत्र जो लंबे समय से चीन और भारत के बीच परस्पर विरोधी दावों का विषय रहे हैं. चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र को दक्षिण तिब्बत के रूप में दावा करने के बार-बार प्रयास के बावजूद, भारत अपने रुख पर कायम है कि अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा. वास्तव में, इस बार जो अलग है वह है चीन द्वारा विवादास्पद नाइन-डैश लाइन को शामिल करना, जो दक्षिण चीन सागर के एक बड़े हिस्से को चीनी क्षेत्र के रूप में दावा करता है.

कांग्रेस पार्टी ने की चीन के नए मानचित्र की आलोचना

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को चीन के मानचित्र में दिखाये जाने पर मंगलवार को कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि ये भारत के अभिन्न अंग हैं, जिसे किसी आदतन अपराधी द्वारा ऐसे अवैध सीमांकन या मनमाने तरीके से बनाये नक्शे से नहीं बदला जा सकता. कांग्रेस ने सरकार से कहा कि आगामी जी20 सम्मेलन के दौरान भारतीय क्षेत्र में चीन की घुसपैठ का वैश्विक स्तर पर खुलासा किया जाए.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन समेत भारतीय क्षेत्र भारत के अभेद्य और अभिन्न हिस्से हैं और मनमाने तरीके से तैयार किया गया कोई चीनी नक्शा इसे नहीं बदल सकता. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि अन्य देशों से जुड़े क्षेत्रों का नाम बदलने और उन्हें नक्शों पर दर्शाने के मामले में चीन आदतन अपराधी रहा है. कांग्रेस इस तरह के अवैध सीमांकन या भारतीय क्षेत्रों का नाम बदलने पर कड़ी आपत्ति जताती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details