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स्वास्थ मंत्री मंडाविया ने कहा- भारत ने अंग प्रत्यारोपण में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) की अध्यक्षता में अंगदान नीति की समीक्षा बैठक हुई. इसमें बताया गया कि भारत ने अंग प्रत्यारोपण में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है.

Union Health Minister Mansukh Mandaviya
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया

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Published : May 3, 2023, 4:52 PM IST

नई दिल्ली :भारत में अंग प्रत्यारोपण के मामले में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. बता दें कि अंग प्रत्यारोपण के मामलों में साल 2013 में जहां इनकी संख्या 5000 थी, वह 2022 में बढ़कर 15000 से अधिक पहुंच गई है. इस बात का खुलासा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) की अध्यक्षता में हुई अंगदान नीति की समीक्षा बैठक में हुआ. इस दौरान उन्होंने बताया गया कि अब राष्‍ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्‍यारोपण संगठन (NOTTO), क्षेत्रीय स्तरों पर (ROTTO) और राज्य स्तरों पर (SOTTO) पर अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन के नेटवर्क के माध्यम से बेहतर समन्वय के कारण प्रति मृतक दाता के अधिक अंगों का उपयोग किया जा रहा है. बैठक में मंडाविया ने बताया कि साल 2016 में 930 मृत दाताओं से 2265 अंगों का उपयोग किया गया वहीं साल 2022 में 904 मृत दाताओं से 2765 अंगों का उपयोग हो सका.

स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा कि अंग दान और अंग प्रत्यारोपण क्षेत्र में सुधार के लिए दूरदर्शी ढांचागत बदलाव आ रहे हैं. उन्होंने इस बारे में निर्देश भी दिया गया है. अंग प्रत्यारोपण पर हुई बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया. मंडाविया ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम की 99वीं कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अंगदान के नेक काम के लिए आगे आने और मनुष्यों की जान बचाने के आह्वान से भी देश में अंगदान को एक नया प्रोत्साहन मिला है. स्वास्थ्य मंत्री ने देश में अंग दान और प्रत्यारोपण को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत सुधारों के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों से सीख लेने का भी निर्देश दिया.

राष्‍ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्‍यारोपण संगठन (NOTTO) अस्पतालों में अंग दान और प्रत्यारोपण कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका के रूप में एक प्रत्यारोपण मैनुअल पर काम कर रहा है और प्रत्यारोपण समन्वयकों के प्रशिक्षण के लिए एक मानक पाठ्यक्रम पर भी काम कर रहा है. गौरतलब है कि हाल ही में, भारत सरकार ने जनहित में एक विशेष कल्याणकारी उपाय के रूप में केंद्र सरकार के उन कर्मचारियों को 42 दिनों का विशेष आकस्मिक अवकाश प्रदान करने के लिए कहा है जो किसी अन्य इंसान को अंग दान करते हैं.

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