दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

भारत ब्रिक्स समेत अन्य देशों के लिए भी वैक्सीन बनाने में सहयोग को तैयार : मंडाविया

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) ने कहा कि भारत ब्रिक्स देशों के साथ-साथ दुनिया के अन्य देशों के लिए भी टीके विकसित करने की पेशकश करने को तैयार है. गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

mansukh-mandaviya
मंडाविया

By

Published : Mar 22, 2022, 8:05 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों के नेताओं के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंस के जरिए वैक्सीन सहयोग पर चर्चा की. मंडाविया ने कहा कि भारत ब्रिक्स देशों के साथ-साथ दुनिया के अन्य देशों के लिए भी टीके विकसित करने में सहयोग देने को तैयार है. मंडाविया ने इस दौरान ब्रिक्स वैक्सीन आर एंड डी केंद्र और कार्यशाला का शुभारंभ भी किया.

मंडाविया ने कहा, 'यह केंद्र वैक्सीन अनुसंधान और विकास में ब्रिक्स देशों के पूरक लाभों को एक साथ जोड़ने में मदद करेगा. इसके साथ ही संक्रामक रोगों को रोकने और नियंत्रित करने के लिए ब्रिक्स देशों की क्षमता को बढ़ावा देगा. यही नहीं विकासशील देशों को समय पर सहायता प्रदान करेगा.' भारत दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादकों में से एक है जो 150 से अधिक देशों को टीकों की आपूर्ति करता है. डब्ल्यूएचओ को जितनी टीके की आवश्यकता है उसकी करीब 60 से 70 प्रतिशत आपूर्ति भारत करता है. मांडविया को उम्मीद है कि अनुसंधान एवं विकास केंद्र टीकाकरण संसाधनों को सुव्यवस्थित, सुरक्षित करने के साथ ही प्रभावकारी कोविड-19 टीकों की पहुंच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

मंडाविया ने कहा, 'ब्रिक्स वैक्सीन आर एंड डी सेंटर अन्य देशों के साथ सहयोग करने, अनुभव साझा करने, सार्वजनिक स्वास्थ्य महत्व के टीके के विकास में तेजी लाने के लिए एक स्वागत योग्य पहल है.' मांडिविया ने कहा कि ब्रिक्स देशों को ACT-A, COVAX, CEPI आदि जैसे प्रयासों का समर्थन करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए ताकि डब्ल्यूएचओ का जो 2022 के मध्य तक दुनिया की 70 प्रतिशत आबादी को कोविड 19 टीके लगाने का लक्ष्य है, उसे प्राप्त किया जा सके.

मंडाविया ने कहा, 'महामारी और स्वास्थ्य आपात स्थितियों के अलावा, ज्यादा जोखिम वाली बीमारियों जैसे एड्स, टीबी आदि के टीके भी अभी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हैं. इनके मामले में भी देशों के बीच सहयोग की पर्याप्त गुंजाइश है.' उन्होंने जिक्र किया कि भारत में कोरोना से बचाव के लिए अब तक 1.81 बिलियन से अधिक डोज दिए जा चुके हैं. भारत ने अब तक कोविड-19 आपातकालीन उपयोग के लिए नौ टीकों को मंजूरी दी है, जिनमें से पांच स्वदेशी हैं. मंडाविया ने भारत के साथ मिलकर काम करने का भी प्रस्ताव दिया. मंडाविया ने कहा, 'भारत ने स्थानीय के साथ ही वैश्विक बीमारियों के लिए वैक्सीन अनुसंधान और विकास प्रयासों को मजबूत करने को प्राथमिकता दी है.

पढ़ें- cancer in India : तीन साल में भारत में 40 लाख मामले, 22.54 लाख मरीजों की मौत

For All Latest Updates

TAGGED:

ABOUT THE AUTHOR

...view details