नई दिल्ली :सरकार ने बीते 6-7 वर्षों में बैंकिंग सेक्टर में जो सुधार किए, बैंकिंग सेक्टर का हर तरह से सपोर्ट किया, उस वजह से आज देश का बैंकिंग सेक्टर बहुत मजबूत स्थिति में है. यह बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 'निर्बाध ऋण प्रवाह और आर्थिक विकास के लिए तालमेल बनाने' पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं.
प्रधानमंत्री ने बैंकरों का आह्वान करते हुए कहा, 'बैंकों को धन-संपत्ति का सृजन करने वालों और नौकरियां पैदा करने वालों का समर्थन करना है. वक्त आ गया है कि अब बैंक अपनी बैलेंस शीट के साथ ही देश की बैलेंस शीट भी सुधारने में मदद करें.'
उन्होंने बैंकरों को कारोबारों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए उनकी जरूरत के हिसाब से समाधान मुहैया कराने को भी कहा. उन्होंने कहा, 'आप ग्राहकों के बैंक आने का इंतजार न करें. आपको उनके पास जाना होगा.'
प्रधानमंत्री ने पिछले पांच वर्षों में बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) सबसे कम होने और बैंकों के पास समुचित तरलता होने का जिक्र करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद बैंकिंग क्षेत्र चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में मजबूत बना रहा. इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने इस क्षेत्र का परिदृश्य भी सुधारा है.
उन्होंने कहा कि हाल ही में गठित राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एनएआरसीएल) से दो लाख करोड़ रुपये मूल्य की दबावग्रस्त परिसंपत्ति के समाधान में मदद मिलेगी.
मोदी ने कहा, 'पिछले छह-सात वर्षों में हुए सुधारों ने बैंकिंग क्षेत्र को आज मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है. हमने बैंकों की एनपीए समस्या का समाधान निकाला है, बैंकों में नई पूंजी डाली है, दिवालियापन संहिता लेकर आए और ऋण वसूली न्यायाधिकरण को सशक्त किया है.'
उन्होंने कहा कि हम आईबीसी जैसे रिफॉर्म्स लाए, अनेक क़ानूनों में सुधार किए, ऋण वसूली न्यायाधिकरण को सशक्त किया. कोरोना काल में देश में एक समर्पित स्ट्रेस्ड एसेट मैनेजमेंट वर्टिकल का गठन भी किया गया. पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत के बैंकों की ताकत इतनी बढ़ चुकी है कि वो देश की इकॉनॉमी को नई ऊर्जा देने में, एक तेजी से आगे में, भारत को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. मैं इस चरण को भारत के बैंकिंग सेक्टर का एक बड़ा माइलस्टोन मानता हूं.
पीएम ने कहा कि आप स्वीकृति देने वाले हैं और सामने वाला आवेदक, आप दाता हैं और सामने वाला याचक, इस भावना को छोड़कर अब बैंकों को पार्टनरशिप का मॉडल अपनाना होगा. उन्होंने कहा कि आप सभी PLI स्कीम के बारे में जानते हैं. इसमें सरकार भी कुछ ऐसा ही कर रही है. जो भारत के मैन्यूफैक्चर्स हैं, वो अपनी कपैसिटी कई गुना बढ़ाएं, खुद को ग्लोबल कंपनी में बदलें, इसके लिए सरकार उन्हें प्रोडक्शन पर इंसेटिव दे रही है.
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उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय में देश में जो बड़े-बड़े परिवर्तन हुए हैं, जो योजनाएं लागू हुई हैं, उनसे जो देश में डेटा का बड़ा पूल क्रिएट हुआ है, उनका लाभ बैंकिंग सेक्टर को जरूर उठाना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि आज कॉर्पोरेट्स और स्टार्ट-अप जिस स्केल पर आगे आ रहे हैं, वो अभूतपूर्व है. ऐसे में भारत की आकांक्षाओं को मज़बूत करने का, फंड करने का, उनमें इन्वेस्ट करने का इससे बेहतरीन समय क्या हो सकता है.