नई दिल्ली :भारत ने पाकिस्तान को अपने खिलाफ अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण प्रचार के लिए परिषद का लगातार दुरुपयोग करने पर जमकर लताड़ लगाई है. मानव अधिकार परिषद के 46 वें सत्र में जवाब के अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव ने पवन भाड़े ने कहा कि यह सही समय है कि पाकिस्तान असफल प्रचार करना बंद कर दे.
भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव ने पवन भाड़े ने कहा कि पाकिस्तान लाखों पीड़ितों के प्रति अपनी जिम्मेदारी पर ध्यान केंद्रित करे. कहा कि विभिन्न नागरिक समाज समूहों द्वारा हाइलाइट किए जाने पर परिषद को पाकिस्तान के घृणित मानवीय रिकॉर्ड और उसके जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभावपूर्ण रवैये पर तत्काल ध्यान देना चाहिए. पीड़ित समूहों के अनुसार वर्ष 2000 से हजारों लोग बलूचिस्तान से गायब हो गए हैं. जिन लोगों के परिवार गायब हो गए हैं उनकी आवाज को नहीं सुना जा रहा है. यही वजह है कि बलूचिस्तान को अब गायब होने वालों की भूमि के रूप में जाना जाने लगा है.
सेना को मिली शक्तियां
खैबर पख्तूनख्वा एक्शन अध्यादेश लागू होने के बाद पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में गायब होने का खतरा बढ़ गया है. यह अध्यादेश सुरक्षा एजेंसियों को अधिक शक्तियां देता है, जिसमें बिना किसी परीक्षण या आरोप के आधार पर लोगों को हिरासत में लिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के दोषपूर्ण ईश निंदा कानूनों के तहत ईश निंदा के आरोपों में खतरनाक वृद्धि हुई है, जिसकी संभावित सजा मौत है.
अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव