नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत ने 90वीं इंटरपोल महासभा के दौरान नार्को टेरर, साइबर रेडिकलाइजेशन, संगठित आपराधिक सिंडिकेट और मनी लॉन्ड्रिंग सहित आतंकवाद का मुद्दा उठाया है. लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि 'भारत ने सूचना और खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान, खुफिया जानकारी आधारित संयुक्त अभियान, क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा सहयोग, आपसी कानूनी सहायता और मनी लॉन्ड्रिंग से लड़ने के लिए एक प्रभावी तंत्र के माध्यम से सहयोग करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है.'
इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि इंटरपोल की अब तक की पहली वैश्विक अपराध प्रवृत्ति रिपोर्ट 90वीं इंटरपोल महासभा के दौरान प्रतिनिधियों को प्रस्तुत की गई थी, राय ने कहा, 'रिपोर्ट ने पहचान की है कि जिहादी आतंकवाद वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा आतंकवादी खतरा बना हुआ है. रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि आतंकवादी ड्रोन, जीपीएस सिस्टम और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सेवाओं सहित अधिक उन्नत तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं.'
केंद्र सरकार ने 18-21 अक्टूबर से नई दिल्ली में 90वीं इंटरपोल महासभा की मेजबानी की है, जिसमें 700 प्रतिनिधियों के साथ इंटरपोल के 166 सदस्य देशों ने भाग लिया था. 90वीं इंटरपोल महासभा ने वित्तीय अपराध और भ्रष्टाचार को बाधित करने के लिए इंटरपोल की सहयोगी प्रतिक्रिया को मजबूत करने के लिए संकल्प अपनाया.