नई दिल्ली :देश में बढती महंगाई के बीच खाने के तेल में भी इजाफा हुआ है और इसी बीच अधिक घरेलू स्टॉक होने की वजह से भारत का पाम तेल का आयात साल-दर-साल आधार पर 43.55 प्रतिशत घटकर जुलाई में 4.65 लाख टन रह गया. उद्योग निकाय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने यह जानकारी दी है.
दुनिया के प्रमुख वनस्पति तेल खरीदार भारत ने जुलाई, 2020 में 8.24 लाख टन पाम तेल का आयात किया था. देश का कुल वनस्पति तेल आयात इस साल जुलाई में 37 प्रतिशत घटकर 9.17 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 15.17 लाख टन था.देश के कुल वनस्पति तेल आयात में पाम तेल का हिस्सा 60 प्रतिशत से अधिक है
एसईए के अनुसार, घरेलू बाजार में स्टॉक ज्यादा होने के कारण पिछले महीने की तुलना में आयात में कमी आई है. सरकार ने 30 जून को इस साल दिसंबर तक आरबीडी पामोलीन और पामतेल के अंकुश रहित आयात की अनुमति देने का फैसला किया, जिसके बारे में एसईए का मानना है कि यह कदम घरेलू रिफाइनिंग करने वाली कंपनियों और तिलहन उत्पादकों के हितों के खिलाफ होगा.
दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (साफ्टा) समझौते के तहत नेपाल और बांग्लादेश से शून्य शुल्क पर रिफाइंड तेलों के आयात की बाढ़ आ जाएगी.एसईए के आंकड़ों के मुताबिक पाम तेल उत्पादों में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का आयात इस साल जुलाई में घटकर 4.51 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 8.20 लाख टन था.