दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

भारत-पाक को ईमानदारी से बात करने की जरूरत, युद्ध से हल नहीं होता : फारूक अब्दुल्ला - Farooq Abdullahs statement

भारत और पाकिस्तान को युद्ध खत्म कर नेक इरादों से बात करने को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जोर दिया. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर के हालात को लेकर भी उन्होंने सरकार को घेरा.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Aug 12, 2023, 7:24 PM IST

श्रीनगर : नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में सीमा पर्यटन को बढ़ावा देना या रैलियां आयोजित करना केवल एक दिखावा है तथा जब तक भारत और पाकिस्तान ईमानदारी से बातचीत नहीं करते, मुद्दे का समाधान नहीं होगा. श्रीनगर के सांसद से पूछा गया कि क्या कश्मीर में स्थिति बदल गई है क्योंकि सीमा पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है और पूरी घाटी में तिरंगा रैलियां आयोजित की जा रही हैं, इस पर उन्होंने कहा, "दोनों देशों के दिल साफ होने चाहिए. बहुत दिखावा हो चुका है." अब्दुल्ला ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को नेक इरादों से बात करनी चाहिए क्योंकि युद्ध से कुछ हल नहीं होता. उन्होंने कहा, "जब तक दोनों देश कश्मीर मुद्दे पर ईमानदारी से बात नहीं करते, तब तक यह सब दिखावा है. यह तमाशा आगे भी चलता रहेगा. यह हर साल होगा लेकिन मुद्दा वहीं अटका रहेगा."

जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य होने के सरकार के दावों पर सवाल उठाते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने पूछा कि अगर जम्मू कश्मीर में शांति है तो यहां आतंकवाद क्यों है, गोलियां क्यों चलाई जा रही हैं और सैनिक तथा लोग क्यों मारे जा रहे हैं. अब्दुल्ला ने पूछा, "अगर वास्तव में शांति है, तो ऐसा क्यों हो रहा है? ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें (पाकिस्तान) लगता है कि इसका समाधान अभी तक नहीं हुआ है. उन्हें कौन समझाएगा कि केवल बातचीत से ही मुद्दों का समाधान होगा." उन्होंने कहा कि कोई भी यूक्रेन में देख सकता है कि युद्ध से क्या होता है. अब्दुल्ला ने कहा, "यूरोप आर्थिक रूप से तबाह हो रहा है. कौन मारा जा रहा है? यह यूक्रेन के लोग हैं. वे क्या हासिल करेंगे? क्या इससे सीमाएं बदल जाएंगी?"

उन्होंने कहा, "इसलिए, दोनों देशों (भारत और पाकिस्तान) को यह ध्यान रखना चाहिए कि युद्ध से कुछ हासिल नहीं होगा और केवल बातचीत से ही मुद्दे सुलझेंगे, जैसे वे (भारत सरकार) चीन से बात कर रहे हैं. 18 दौर की बातचीत हो चुकी है और विदेश मंत्री स्तर पर भी बातचीत हुई है." जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास कई स्थानों पर सीमा पर्यटन को बढ़ावा देने के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा, "हम चाहते हैं कि सीमाएं खोली जानी चाहिए ताकि हम (कश्मीर का) वह हिस्सा भी देख सकें जो उनके (पाकिस्तान) कब्जे में है. तब, हम मानेंगे कि वहां सच्ची शांति है."

(पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details