नई दिल्ली : केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को कहा कि भारत ने जीवाश्म ईंधन का उपयोग रोकने को लेकर संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित जलवायु सम्मेलन में विकसित देशों के दबाव का विरोध किया. यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा कि भारत अपनी जनता की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और ‘केवल तेल और गैस का आयात करके’ यह नहीं किया जा सकता. भारत अपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, वहीं जब तक हम विकसित भारत के उद्देश्य को प्राप्त नहीं कर लेते, हमें कोयले से बनी बिजली पर निर्भर रहना होगा.
पहली प्राथमिकता गरीबी उन्मूलन
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में दुनिया की 17 प्रतिशत आबादी रहती है लेकिन वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में उसका योगदान महज चार प्रतिशत है. कई देशों की प्राथमिकता गरीबी उन्मूलन है. इसलिए, हमने विकसित देशों के दबाव को स्वीकार नहीं किया. उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक रूप से उत्सर्जन में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले विकसित देशों को विकासशील देशों को वित्तीय और प्रौद्योगिकीय सहयोग देना होगा ताकि उन्हें जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने में मदद मिले.