नई दिल्ली : यूनाइटेड किंगडम में सार्स-कोव-2 यानी कोविड-19 वायरस के फिलोजनेटिक (Phylognetic) क्लस्टर का पता लगाने के बाद भारत में कोविड-19 मामलों के बढ़ने की संभावित आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने मंगलवार से भारत में ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों को निलंबित करने का फैसला किया है.
सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया.
नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खारोला को संबोधित एक पत्र में स्वास्थ्य सचिव भूषण ने कहा कि यूके में सार्स-कोव-2 के फिलोजनेटिक क्लस्टर के कारण कोविड-19 तेजी से फैल रहा है. भूषण ने कहा कि यह कदम कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए लिया गया है.
इस दौरान उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत पिछले दो-ढाई महीनों से कोविड-19 मामलों की संख्या में निरंतर गिरावट दर्ज कर रहा. इसके अलावा भारत में महामारी के कारण मरने वालों की संख्या में गिरावट देखी गई है.
भूषण ने स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) की अध्यक्षता वाले संयुक्त निगरानी समूह (JMG) और नीति आयोग के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार सदस्य (स्वास्थ्य) की अध्यक्षता वाले वैक्सीन टास्क फोर्स के साथ बैठक की.
बैठक के दौरान भूषण ने कहा कि इस परिदृश्य में, हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के माध्यम से सार्स- कोव-2 वैरिएंट वायरस की कोई भी मौजूदगी भारत में महामारी प्रबंधन के लिए बड़ा जोखिम पैदा कर सकती है.
इसके अलावा बैठक में यह भी फैसला लिया गया है कि कोरोना को देखते हुए एहतियात के उपाय के रूप में, ब्रिटेन से आने वाले यात्री सभी पारगमन उड़ानों में हवाई अड्डों पर आगमन पर आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य होगा.