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देश की सबसे उम्रदराज करदाता गिरिजा बाई तिवारी का निधन, 120 साल में ली आखिरी सांस - गिरिजा बाई तिवारी का निधन

Girija Bai Tiwari Death: देश की सबसे उम्रदराज करदाता गिरिजा बाई तिवारी का बीना में निधन हो गया है, जिन्होंने 120 साल में आखिरी सांस ली.

Girija Bai Tiwari Death
गिरिजा बाई तिवारी का निधन

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Published : Jul 8, 2023, 12:10 PM IST

सागर। देश की सबसे उम्रदराज करदाता और सागर जिले की बीना विधानसभा की सबसे उम्रदराज मतदाता गिरिजा बाई तिवारी ने शुक्रवार को अंतिम सांस ली. बीना कस्बे के प्रतिष्ठित परिवार की गिरिजा बाई तिवारी पूरे कस्बे में दादी मां के नाम से मशहूर थी, उनके पति सिद्धनाथ तिवारी जाने-माने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और आजादी की लड़ाई में उन्होंने अहम भूमिका बनाई थी. दादी मां के निधन की खबर मिलते ही जिला प्रशासन द्वारा राजकीय सम्मान से उनके अंतिम संस्कार के निर्देश दिए गए, जिसमें बीना एसडीएम सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने उनके निवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और राजकीय सम्मान से हुए उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए.

दादी मां के नाम से मशहूर थी गिरिजा बाई तिवारी:देश की सबसे बुजुर्ग करदाता और सागर जिले की बीना की सबसे उम्रदराज मतदाता गिरिजा बाई तिवारी का 120 साल में निधन की खबर फैलते ही बीना और सागर जिले में शोक की लहर दौड़ गई. बीना के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. सिद्धनाथ तिवारी की पत्नी गिरिजा बाई तिवारी का नाम देश की सबसे अधिक उम्र की करदाता और बीना विधानसभा की सबसे बुजुर्ग मतदाता में शामिल था. उनके लिए बीना और सागर जिले में लोग दादी मां कहकर पुकारते थे, उन्होंने शुक्रवार को बीना स्थित अपने निवास पर अंतिम सांस ली. गिरिजा बाई के अंतिम दर्शन करने के लिए बीना स्थित उनके आवास पर लोगों का तांता लग गया.

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कलेक्टर के निर्देश पर राजकीय सम्मान से हुआ अंतिम संस्कार:गिरिजा बाई तिवारी के निधन की जानकारी जिला प्रशासन को मिलते ही कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी दीपक आर्य ने बीना एसडीएम को उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से कराने के निर्देश दिए. कलेक्टर के निर्देश पर बीना के एसडीएम देवेंद्र प्रताप सिंह, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उनके निवास पर पहुंचे और प्रोटोकॉल के तहत उनको श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए और बीना के मुक्तिधाम पर उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. उनकी अंतिम यात्रा में बीना सहित सागर जिले और बुंदेलखंड के कई जाने-माने लोग शामिल हुए.

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