नई दिल्ली : भारतीय नौसेना दुनिया के शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक बनने की राह में आगे बढ़ रहा है. नौसेना के युद्धपोत 'आईएनएस ब्यास' को 300 करोड़ रुपये से अधिक खर्च पर अपग्रेड करने का काम शुरू कर दिया गया है. वहीं, अब नौसेना के बेड़े में गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर 'इंफाल' (INS Imphal) भी शामिल हो गया है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मुंबई स्थित माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने प्रोजेक्ट 15बी कैटगरी का ये गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर 'यार्ड 12706 (इंफाल)' को नौसेना के सुपुर्द किया है. ये मिसाइल डिस्ट्रॉयर तीसरा स्टील्थ विध्वंसक युद्धपोत है. यह युद्धपोत सुपरसोनिक 'ब्रह्मोस' मिसाइल (Imphal equipped with brahmos) और 'बराक-8' मिसाइल से लैस है. गौरतलब है कि ब्रह्मोस मिसाइल सरफेस टू सरफेस और बराक-8 मिसाइल मीडियम रेंज पर सरफेस टू एयर में दुश्मनों के छितड़े उड़ा देता है.
'इंफाल' की ताकत : इस युद्धपोत में पानी के भीतर युद्ध करने के लिए एंटी-सबमरीन वेपन और सेंसर है, जो कि पूरी तरह से स्वदेशी रूप से विकसित है. खास बात यह है कि इस वारशीप में रॉकेट लॉन्चर के साथ हेवी वेट टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर और हिल माउनटेड सोनार हुमसा एनजी फिट कराया गया है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, स्वदेशी स्टील डीएमआर 249ए से निर्मित ये पोत भारत के सबसे बड़े डिस्ट्रॉयर में से एक है. वहीं, प्रोजेक्ट 15 बी कैटगरी में पहला ऐसा पोत है, जिसमें दोहरी क्षमता वाली लॉन्ग रेंज पर लैंड अटैक के लिए अपग्रेडेड ब्रह्मोस मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. 'इंफाल' 164 मीटर लंबी है तथा इसमें विस्थापन क्षमता 7500 टन से अधिक की है. यह जहाज ऐसा एक शक्तिशाली प्लेटफार्म है, जहां समुद्री युद्ध के दौरान पूरे स्पेक्ट्रम में फैले विभिन्न प्रकार के मिशन को पूरा करने में सक्षम होगा. इस पोत ने सभी समुद्री परीक्षणों को पास कर लिया है.
'इंफाल' की क्षमता : 'इंफाल' पोत में चार हजार समुद्री मील की क्षमता है और यह 42 दिनों में विस्तारित मिशन के आउट ऑफ एरिया ऑपरेशन को पूरा कर सकता है. इतना ही नहीं, ये पोत दो हेलिकॉप्टर से भी लैस है, जिससे इसकी क्षमता दुगनी हो जाती है. जहाज का संचालन शक्तिशाली गैस और गैस प्रोपलशन प्लांट (सीओजीएजी) द्वारा किया जाता है. इसमें चार रिवर्सेब्ल गैस टर्बाइन होते हैं, जो उसे 30 समुद्री मील (लगभग 55 किमी प्रति घंटे) से अधिक की गति में आगे बढ़ने में मदद करता है. इस जंगी जहाज में डिजिटल नेटवर्क जैसे कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस), गीगाबाइट ईथरनेट आधारित शिप डेटा नेटवर्क (जीईएसडीएन), इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम (आईपीएमएस) और ऑटोमैटिक पावर मैनेजमेंट सिस्टम (एपीएमएस) फिट किये गए हैं, जिससे जहाज हाई लेवल पर स्वचालित भी हो सकती है.