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बेहतर कनेक्टिविटी के लिए भारत को एविएशन हब बनना चाहिए : सिंधिया

PHDCCI की वार्षिक बैठक में बोलते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, 'कनेक्टिविटी, विशेष रूप से वैश्विक बुनियादी ढांचे के नेटवर्क (global infrastructure networks), व्यापार प्रवाह, पूंजी बाजार, डिजिटल अर्थव्यवस्था, ने इस माहौल में दुनिया को यह स्पष्ट कर दिया है कि अधिक कनेक्टिविटी वह है जो व्यवसायों को अनुमति देती है. दुनिया भर के लिए फल-फूलना और इसलिए एक-दूसरे पर स्वतंत्र होना अब एक विलासिता नहीं है, बल्कि व्यवसायों और देशों के बीच भी आवश्यकता है.'

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Published : Sep 30, 2021, 9:37 PM IST

नई दिल्ली :केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री (Union Civil Aviation Minister ) ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने गुरुवार को कहा कि कनेक्टिविटी के बिना अंतरराष्ट्रीय व्यापार, निवेश, व्यापार नौकरियां पैदा नहीं की जा सकती हैं और इसलिए बेहतर कनेक्टिविटी की सुविधा के लिए भारत को एक विमानन केंद्र बनना चाहिए.

PHDCCI की वार्षिक आम बैठक में बोलते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, 'कनेक्टिविटी, विशेष रूप से वैश्विक बुनियादी ढांचे के नेटवर्क (global infrastructure networks), व्यापार प्रवाह, पूंजी बाजार, डिजिटल अर्थव्यवस्था, ने इस माहौल में दुनिया को यह स्पष्ट कर दिया है कि अधिक कनेक्टिविटी वह है जो व्यवसायों को अनुमति देती है. दुनिया भर के लिए फल-फूलना और इसलिए एक-दूसरे पर स्वतंत्र होना अब एक विलासिता नहीं है, बल्कि व्यवसायों और देशों के बीच भी आवश्यकता है.'

उन्होंने कहा कि आज वैश्विक मंत्र (global mantra ) एक दूसरे के साथ सहयोग, आदान-प्रदान और साझा करना है चाहे कोई किसी विशेष देश, बहुराष्ट्रीय कंपनी या देश में स्थित एमएसएमई हो.

उन्होंने कहा, 'मेरा मानना ​​है कि इसे क्रियान्वित करने में सक्षम होने के लिए, दो सी, 'कनेक्टिविटी और कॉमर्स' हैं जो महत्वपूर्ण हैं .'

सिंधिया ने कहा कि हमें भारत को एक मजबूत विमानन केंद्र (robust aviation hub ) बनाने का लक्ष्य रखना है, जहां हम भारत के यात्रियों को दुनिया में ले जा सकें.

उन्होंने कहा, 'हमें यूरोप जैसे स्थानों के लिए लंबी दूरी की यात्रा पर कनेक्टिविटी की अनुमति देने वाली प्रणालियों को स्थापित करने पर ध्यान देना होगा, जहां वर्तमान में हमारे पास ऐसे डेस्टीनेशन के लिए उड़ान भरने वाली एक या दो एयरलाइंस हैं.'

नागरिक उड्डयन मंत्री ने यह भी कहा कि 20-40 मिलियन भारतीय जो वर्तमान में ट्रेनों से यात्रा करते हैं, आने वाले वर्षों में अपनी यात्रा की जरूरतों के लिए वाणिज्यिक एयरलाइनों पर स्विच करेंगे.

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उन्होंने कहा कि आने वाले 5-6 वर्षों में, भारत में वातानुकूलित ट्रेनों की तुलना में अधिक लोग हवाई यात्रा कर सकते हैं.

सिंधिया ने कहा कि नागरिक उड्डयन के लिए राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन 90,000 करोड़ रुपये के करीब थी, जिससे सरकार बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को आक्रामक रूप से न केवल महानगर बल्कि दरभंगा (बिहार), झारसुगुडा (ओडिशा), कडप्पा (आंध्र प्रदेश) और कई अन्य स्थान पर निर्माण करने जा रही थी.

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