नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत को कृत्रिम मेधा (AI) प्रणाली पर बेहद सावधानी के साथ काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश को इस तकनीक से होने वाली कानूनी, नीतिसंबंधी, राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए. राजनाथ ने कहा, "हमें मानवता की तरक्की और शांति के लिए AI का इस्तेमाल करना होगा. ऐसा नहीं होना चाहिए कि कोई देश या देशों का समूह परमाणु ऊर्जा की तरह ही इस तकनीक पर भी अपना प्रभुत्व स्थापित कर ले और बाकी मुल्क AI का लाभ नहीं उठा पाएं."
रक्षा मंत्री ने नई दिल्ली में आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस इन डिफेंस (रक्षा क्षेत्र में कृत्रिम मेधा) सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद यह टिप्पणी की. उन्होंने AI की नीतियों और खतरों पर गंभीरता से विचार करने की सलाह दी. राजनाथ ने कहा, "हम AI की प्रगति को नहीं रोक सकते और हमें इसकी प्रगति रोकने की कोशिश भी नहीं करनी चाहिए. लेकिन इसे लेकर बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है." उन्होंने कहा कि जब कोई नई तकनीक व्यापक बदलाव लेकर आती है तो उसका संक्रमण काल भी बेहद लंबा और जटिल होता है.
रक्षा मंत्री ने कहा, "चूंकि, AI एक ऐसी तकनीक है, जो व्यापक बदलाव ला सकती है, लिहाजा हमें इससे होने वाली कानूनी, नीतिसंबंधी, राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए. आने वाले समय में हमें AI पर बेहद सावधानी से काम करने की जरूरत है, ताकि यह तकनीक नियंत्रण से बाहर न चली जाए."