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I.N.D.I.A. meeting in Mumbai : 'इंडिया' की बैठक में 450 लोकसभा सीटों पर बनाई जाएगी सहमति, संयोजक का नाम होगा तय

इंडिया की अगली बैठक मुंबई में 31 अगस्त से शुरू होगी. बैठक दो दिनों तक चलेगी. इसमें गठबंधन के संयोजक के नाम और एक सीट पर एक उम्मीदवार उतारने को लेकर सहमति बनाई जाएगी. तीन से चार क्षेत्रीय संयोजक भी बनाए जा सकते हैं. इंडिया का अपना झंडा भी हो सकता है. शरद पवार पर सस्पेंस खत्म होने की उम्मीद है.

meeting of INDIA, design photo
इंडिया की बैठक, डिजाइन फोटो

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 29, 2023, 2:43 PM IST

Updated : Aug 29, 2023, 8:56 PM IST

नई दिल्ली : इंडिया गठबंधन की बैठक मुंबई में 31 अगस्त से शुरू हो रही है. बैठक में संयोजक के नाम पर सहमति बनाने के प्रयास किए जाएंगे. गठबंधन के स्वरूप पर भी चर्चा की जाएगी. किस तरह से अलग-अलग पार्टियों के बीच राज्य स्तर पर गठबंधन को आकार दिया जा सकता है, इस पर बहस की संभावना है.

सूत्र बता रहे हैं कि लोकसभा की 450 सीटों पर इंडिया का एक-एक उम्मीदवार हो, ऐसी व्यवस्था बनाने की कोशिश की जा रही है. इंडिया का एक झंडा भी तय हो सकता है. इंडिया के घटक दल इनका उपयोग अपनी रैलियों में करेंगे. इंडिया की अब तक दो बैठकें हो चुकी हैं. पहली बैठक पटना और दूसरी बैठक बेंगलुरु में हुई थी.

मुंबई में होने वाली तीसरी बैठक से पहले इंडिया के घटक दलों ने दावा किया है कि उनका कुनबा बढ़ेगा. यानी कुछ नए दल उनसे जुड़ सकते हैं. बेंगलुरु में 26 दलों ने भागीदारी की थी. इस बार इशारा मायावती की ओर है. हालांकि, बसपा की ओर से अभी तक कोई भी जानकारी नहीं दी गई है. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो बसपा ने यूपी में 80 लोकसभा की सीटों में से 40 पर दावा ठोका है. पार्टी का कहना है कि अगर इस पर कोई सहमति बनती है, तभी बसपा इंडिया में शामिल होगी.

वैसे, इस खबर की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन समाजवादी पार्टी इसके लिए राजी होगी, कहना मुश्किल है. वह भी तब जब यूपी विधानसभा चुनाव में सपा मजबूत दल के तौर पर उभरकर आई है. इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी भी चाहती है कि उसे ठीक-ठाक सीट मिलनी चाहिए. कांग्रेस ने प्रदेश नेतृत्व में परिवर्तन किया. पार्टी ने तेज तर्रार नेता अजय राय को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है.

इंडिया से जुड़े नेताओं का कहना है कि उनकी पूरी कोशिश होगी कि सीटों को लेकर कुछ फैसले किए जाएं. किसी फॉर्मूले पर सहमति बनाई जाए, ऐसी कोशिश की जाएगी. नेताओं का कहना है कि जिस राज्य में जो दल मजबूत है, उसके लिए अधिक से अधिक सीटें छोड़ी जाएंगी. इसके बदले में उस दल को दूसरे राज्यों में कुछ सीटें दी जा सकती हैं. लेकिन पेंच सीपीएम, कांग्रेस और टीएमसी को लेकर है. तीनों दलो आपस में मिलना भी चाहते हैं, लेकिन बंगाल और केरल में एक दूसरे के खिलाफ भी लड़ते हैं.

बिहार में कांग्रेस 10 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. यहां पर कुल 40 सीटें हैं. जेडीयू लगातार दावा कर रहा है कि उसके और राजद के बीच सीटों की संख्या समान होगी. लेकिन राजद नेता दबी जुबान में कह रहे हैं कि क्योंकि विधानसभा में उन्हें ज्यादा सीटें मिली हैं, लिहाजा लोकसभा में भी राजद के ही उम्मीदवार अधिक होंगे. उधर गाहे-बगाहे लालू यादव जिस तरह का बयान देते रहते हैं, उससे नीतीश कुमार कई मौकों पर असहज भी हो गए हैं. जब किसी ने उनसे संयोजक बनने के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि उनकी कोई भी महत्वाकांक्षा नहीं है. इसी तरह से दिल्ली और पंजाब में आप और कांग्रेस के बीच खींचतान है. क्या वे किसी बात पर सहमत होंगे, आने वाले समय में ही यह तय हो पाएगा.

दूसरा जो सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है वह न्यूनतम साझा कार्यक्रम का है. अभी तक जो भी बैठकें हुईं हैं, उनमें इस विषय पर चर्चा नहीं की गई है. लिहाजा, मुंबई बैठक में इस पर फैसला किया जाना है, ताकि वे भाजपा गठबंधन का मुकाबला कर सकें. सूत्रों के अनुसार अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग घोषणा पत्र पर भी चर्चा की जा रही है. इसका उद्देश्य यह है कि उस राज्य में क्षेत्रीय पार्टियां अपने हिसाब से मतदाताओं को आकर्षित कर सके. हालांकि, इस दौरान इसका ख्याल जरूर रखा जाएगा कि उनका कोई भी बिंदु कॉमन मिनिमम प्रोग्राम से भिन्न न हो.

इस बैठक में शरद पवार को लेकर भी खूब चर्चाएं की जा रहीं हैं. शरद पवार ने कुछ दिनों पहले कहा था कि उनकी पार्टी एनसीपी में टूट नहीं हुई है. उन्होंने अजित पवार को भी एनसीपी का ही नेता बताया. जबकि एनसीपी का एक धड़ा एनडीए में शामिल हो चुका है और वह महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज भी है. ऐसे में पवार इंडिया के साथ कब तक बने रहेंगे, ऊहापोह जारी है. आधिकारिक तौर पर शरद पवार ने कहा है कि वह इंडिया के साथ हैं और वह भाजपा के साथ कभी भी नहीं जाएंगे. उनकी बेटी सुप्रिया सुले ने भी ऐसा ही बयान दिया है. कुछ लोगों ने शरद पवार को ही संयोजक बनाए जाने का सुझाव दिया है. हालांकि, उनके करीबी बता रहे हैं कि स्वास्थ्य कारणों की वजह से वह इस पद को स्वीकार नहीं कर सकते हैं.

इंडिया के नेताओं ने पहले ही साफ कर दिया है कि वे प्रधानमंत्री पद को लेकर कोई चर्चा नहीं करेंगे. वैसे, एक मीडिया चैनल से बात करते हुए जेडीयू के महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार राहुल गांधी की तुलना में अधिक योग्य उम्मीदवार होंगे. उनका जवाब उसके बाद आया, जब कांग्रेस की ओर से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का बेहतर दावेदार बताया. चर्चा ये भी है कि इंडिया गठबंधन के एक से अधिक कोऑर्डिनेटर होंगे. उनमें से एक मुख्य संयोजक होगा, जबिक बाकी क्षेत्रीय संयोजक होंगे.

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Last Updated : Aug 29, 2023, 8:56 PM IST

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