नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में उत्तरी सीमा पर चीन के साथ चल रहे गतिरोध, हिंद महासागर क्षेत्र सहित अन्य जगहों पर अव्यक्त शत्रुता के बीच भारत दुनिया के सबसे बड़े नौसेना अभ्यास (largest maritime exercise) में शामिल हो सकता है. ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि भारत, अमेरिका व ऑस्ट्रेलिया के साथ 'Rim of the Pacific exercise' (RIMPAC 22) में शामिल हो सकता है.
RIMPAC 22 अब से कुछ महीने बाद हवाई और सैन डिएगो दोनों स्थानों पर आयोजित होने वाला है. हालांकि मेजबान अमेरिकी नौसेना ने अभी तक भाग लेने वाले देशों के नाम का खुलासा नहीं किया है. RIMPAC 22 श्रृंखला में लगभग 27 समान विचारधारा वाले भागीदार देशों की भागीदारी देखने को मिल सकती है. जिसमें 41 जहाजों सहित चार पनडुब्बियों, 170 से अधिक विमान और लगभग 25000 कर्मचारियों के शामिल होने का अनुमान है.
2018 में शामिल रहा भारत:इस बड़े अभ्यास की व्यापकता का संकेत देते हुए यूएस नेवी की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि RIMPAC 2022 का आकार और दायरा 2018 से अधिक होने की उम्मीद है. लेकिन यह अभ्यास कोविड प्रोटोकॉल के साथ किये जाएंगे. अगर ऐसा होता है तो भारत की भागीदारी चीन को परेशान कर सकती है. हालांकि भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. हालांकि भारत ने 26 अन्य देशों के साथ RIMPAC 2018 में भाग लिया था.
दुनिया के सबसे बड़े नौसेना अभ्यास में शामिल होगा भारत अब तक के अभ्यास:RIMPAC 2020 कोरोना की वजह से केवल 10 देशों के 22 जहाजों, एक पनडुब्बी और लगभग 5300 कर्मियों के साथ संपन्न हुआ था. इसका आयोजन 17 से 31 अगस्त 2020 तक हवाई द्वीप के पास किया गया था. भारत ने पहली बार 2014 में RIMPAC में भाग लिया, जब उसने INS सह्याद्री को स्वदेशी रूप से निर्मित शिवालिक क्लास स्टील्थ मल्टीरोल फ्रिगेट भेजा था. 2016 में भारत ने इस आयोजन के लिए INS सतपुड़ा को तैनात किया था जबकि 2018 में फिर से INS सह्याद्री को तैनात किया गया था. 2014 से पहले भारतीय नौसेना अभ्यास के 2006, 2010 और 2012 संस्करणों में एक पर्यवेक्षक थी.
1971 में शुरू हुआ अभ्यास:पहली बार 1971 में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा द्वारा यह वार्षिक अभ्यास शुरू हुआ. जो 1974 से द्विवार्षिक कार्यक्रम बन गया. यदि भारत भाग लेता है तो RIMPAC 22 अमेरिका के नेतृत्व वाले अभ्यास का पहला संस्करण होगा, जिसमें भारत शामिल होगा. भारत-चीन संबंधों में विशेष रूप से 15 जून की रात को गलवान की हिंसक घटना के बाद गिरावट दर्ज की गई. हालांकि भारतीय और चीनी पक्षों के बीच 15 दौर की वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता चल रही है. लेकिन विघटन और डी-एस्केलेशन होना अभी बाकी है.
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भारतीय नौसेना, यूनाइटेड स्टेट्स नेवी (USN), रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी (RAN), और जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स (JMSDF) के साथ पहले से ही हिंद महासागर में समुद्री अभ्यास मालाबार में भाग ले रही है. ये चार देश क्वाड या चतुर्भुज सुरक्षा संवाद के सदस्य हैं. जिसे चीन विरोधी मंच समझा जाता है. भले ही अब अमेरिका और चीन के बीच संबंध कुछ भी हों, लेकिन चीन RIMPAC 2014 और 2016 के संस्करणों का हिस्सा ले चुका है. हालांकि दक्षिण चीन सागर में अपनी गतिविधियों के कारण चीन ने 2018 के अभ्यास से अपना नाम वापस ले लिया था.