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मोइज्जू को भारी पड़ सकता है भारत से तनाव, मालदीव में अविश्वास का माहौल

india maldives row : मालदीव के कुछ मंत्रियों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी करना पड़ोसी मुल्क को भारी पड़ रहा है. तमाम डैमेज कंट्रोल के बावजूद चीन की बड़ाई करने वाले मालदीव के राष्ट्रपति की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. विपक्ष उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए एकजुट हो रहा है.

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मोइज्जू को भारी पड़ सकता है भारत से तना

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 9, 2024, 4:17 PM IST

Updated : Jan 9, 2024, 11:00 PM IST

नई दिल्ली/माले :पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद मालदीव के कुछ उपमंत्रियों ने अपमानजनक टिप्पणियां कीं, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच संबंध बिगड़ गए हैं. मालदीव डैमेज कंट्रोल में जुटा हुआ है, लेकिन वहां के राष्ट्रपति मुइज्जू पर दबाव बढ़ता जा रहा है. यहां तक कि राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी है. सोमवार को भारत ने मालदीव के राजदूत को तलब किया था, जिसके बाद पड़ोसी मुल्क ने भी भारतीय अफसर को बुलाया था.

मालदीव में सांसद भारत के खिलाफ की गई तीखी टिप्पणियों को लेकर सत्तारूढ़ सरकार को उखाड़ फेंकने पर विचार कर रहे हैं. रिपोर्टों के अनुसार, एमडीपी और डेमोक्रेट मुइज्जू सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए एकजुट हो रहे हैं. मुइज्जू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है. अविश्वास मत का मतलब सत्तारूढ़ पार्टी के लिए सत्ता से बाहर होना हो सकता है.

हालांकि मालदीव सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर तीन उपमंत्रियों को निलंबित कर दिया है. मालदीव के युवा अधिकारिता, सूचना और कला मंत्रालय के लिए काम करने वाले मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महज़ूम माजिद को पद छोड़ने के लिए कहा गया था.

अली अजीम ने किया ट्वीट :मालदीव के संसदीय अल्पसंख्यक नेता अली अजीम ने मुइज्जू के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है. उन्होंने 'एक्स' पर ट्वीट किया 'हम, डेमोक्रेट, देश की विदेश नीति की स्थिरता को बनाए रखने और किसी भी पड़ोसी देश के अलगाव को रोकने के लिए समर्पित हैं. क्या आप राष्ट्रपति @MMuizzu को सत्ता से हटाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को तैयार हैं? क्या @MDPSecretariat अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तैयार है?'

एक अन्य नेता गालोल्हू ढेकुनु (Galolhu Dhekunu) के सांसद मीकैल नसीम ने ट्वीट किया 'अपने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों के संबंध में जीओएम द्वारा दिखाई गई निष्क्रियता और तत्परता की कमी के बाद संसद से औपचारिक रूप से विदेश मंत्री को पूछताछ के लिए बुलाने का अनुरोध किया है. उक्त अधिकारियों को संसदीय समिति में बुलाने का भी अनुरोध भेजा गया है.'

इससे पहले रविवार को मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने सोशल मीडिया पर सरकारी अधिकारियों द्वारा भारत के खिलाफ 'घृणित भाषा' के इस्तेमाल की निंदा करते हुए कहा कि नई दिल्ली हमेशा द्वीप राष्ट्र का एक अच्छा दोस्त रहा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपने आधिकारिक हैंडल पर सोलिह ने पोस्ट किया, 'मैं सोशल मीडिया पर मालदीव सरकार के अधिकारियों द्वारा भारत के खिलाफ नफरत भरी भाषा के इस्तेमाल की निंदा करता हूं.'

कई संगठनों ने भी की मंत्रियों की निंदा :इस बीच, मालदीव के नेशनल बोटिंग एसोसिएशन, मालदीव एसोसिएशन ऑफ टूरिज्म इंडस्ट्री, नेशनल होटल्स एंड गेस्ट हाउस एसोसिएशन और अन्य ने बयान और विज्ञप्ति जारी कर निलंबित मालदीव के मंत्रियों की निंदा की है. समूहों ने कहा कि भारत एक करीबी और मैत्रीपूर्ण पड़ोसी रहा है, संकट के दौरान पहला प्रतिक्रियाकर्ता रहा है और जिसने मालदीव को कोविड महामारी के बाद उबरने में मदद की है.

ये है पूरा मामला :2 जनवरी को पीएम मोदी ने केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप का दौरा किया और कई तस्वीरें साझा कीं, जिसमें स्नॉर्कलिंग में हाथ आजमाने का एक 'रोमांचक अनुभव' भी शामिल था. 'एक्स' पर पोस्ट की एक श्रृंखला में पीएम मोदी ने खूबसूरत समुद्र तट, नीले आसमान की तस्वीरें साझा कीं और उन्हें एक संदेश के साथ टैग किया. मोदी ने लिखा 'जो लोग अपने अंदर के रोमांच को अपनाना चाहते हैं, उनके लिए लक्षद्वीप आपकी सूची में होना चाहिए. अपने प्रवास के दौरान, मैंने स्नॉर्कलिंग का भी प्रयास किया - यह कितना आनंददायक अनुभव था!'

क्या है मालदीव की स्थिति : मालदीव मेंराष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रस्ताव संसद के दो-तिहाई बहुमत से पारित किया जा सकता है, जो कि 87 सदस्यों में से 58 है. एमडीपी संसदीय समूह ने राष्ट्रपति मुइज्जू की नई सरकार में शामिल हुए सात सांसदों के इस्तीफे के कारण सांसदों की कुल संख्या निर्धारित करने के तरीके को बदलने के लिए एक संशोधन का प्रस्ताव रखा. सात सांसदों के इस्तीफे के बाद संसदीय विनियमन में संशोधन के साथ, अब कुल सांसदों की संख्या 80 हो गई है.

ऐसी स्थिति में दो-तिहाई बहुमत 54 है. एमडीपी के पास अब तक संसदीय समूह में 56 सदस्य हैं. इससे पता चलता है कि संसद के पास राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की शक्ति है.

प्रक्रिया क्या है? मालदीव समाचार वेबसाइट संस्करण.एमवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, संसदीय विनियमन में नया संशोधन पारित होने के साथ, यदि संसद को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रस्ताव मिलता है, तो दो दिनों के भीतर एक नोटिस भेजना होगा, और उस तारीख से 14 दिन के नोटिस के बाद प्रस्ताव पर आगे बढ़ने के लिए संसद की बैठक बुलाई जानी चाहिए.

रिपोर्ट में कहा गया है, 'संशोधन के अनुसार राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पास अपना बचाव करने के लिए 30 मिनट का समय होगा, जबकि आरोपों के बचाव के लिए तीन वकील नियुक्त किए जा सकते हैं. उन्हें (संसदीय) समिति के सामने पेश होने और अपना जवाब दाखिल करने की अनुमति दी जाएगी, भले ही मामला अभी भी चल रहा हो. नए संशोधन में समिति के सदस्यों की संख्या भी घटाकर सात कर दी गई है. अब समिति में सभी दलों को शामिल करना अनिवार्य नहीं है. संशोधन-पूर्व नियमों के अनुसार, समिति में सभी दलों का प्रतिनिधित्व करने वाले 11 सदस्य होने चाहिए थे.

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(इनपुट एजेंसी)

Last Updated : Jan 9, 2024, 11:00 PM IST

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