3 हफ्ते में टांय-टांय फिस्स हुआ टीकाकरण अभियान!, गिरावट जानकर हो जाएंगे हैरान - रिकॉर्डतोड़ टीकाकरण
भारत में कोरोना की दूसरी लहर जारी है और टीकाकरण भी चल रहा है. लेकिन टीकाकरण के आंकड़ों में गिरावट चिंता का विषय है. 21 जून से सबको फ्री टीकाकरण अभियान की शुरूआत हुई थी, पहले दिन रिकॉर्ड टीकाकरण के बाद अभियान टांय-टांय फिस्स साबित हो रहा है. आखिर कैसे, जानने के लिए पढ़िये पूरी ख़बर
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Published : Jul 13, 2021, 6:18 PM IST
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Updated : Jul 13, 2021, 7:32 PM IST
हैदराबाद: देश में इन दिनों टीकाकरण अभियान चल रहा है. दरअसल पीएम मोदी ने देश में 18 साल की उम्र से अधिक के हर नागरिक के मुफ्त टीकाकरण का ऐलान किया था. जिसके टीकाकरण केंद्र सरकार करवाएगी और राज्यों को टीके की खरीद नहीं करनी पड़ेगी. लेकिन 21 जून से देशभर में शुरू हुआ ये टीकाकरण अभियान 3 हफ्ते बाद ही हांफने लगा है.
पहले दिन टूटे थे सारे रिकॉर्ड
21 जून को योग दिवस के दिन सभी को मुफ्त टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई थी. पहले दिन देशभर में रिकॉर्डतोड़ टीकाकरण हुआ था. cowin.gov.in के आंकड़ों के मुताबिक 21 जून को देशभर में कोरोना वैक्सीन की कुल 91,74,921 डोज दी गई. इसमें से 83,39,350 पहली और 8,35,571 दूसरी डोज़ के रूप में दी गई थी. मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में भी पहले दिन रिकॉर्डतोड़ टीकाकरण हुआ था.
देश में 21 जून और 11 जुलाई के टीकाकरण में अंतर
3 हफ्ते में टीकाकरण टांय-टांय फिस्स !
21 जून को हुए रिकॉर्डतोड़ टीकाकरण के बाद जल्द से जल्द पूरी आबादी को टीका लगने की बातें होने लगी थी. लेकिन पहले दिन के बाद ही टीकाकरण की रफ्तार कम होने लगी. 21 जून को 91.74 लाख लोगों को टीका लगा तो अगले ही दिन 22 जून को ये आंकड़ा 56 लाख पहुंच गया. महीने के आखिर में 30 जुलाई तक आते आते ये 28 लाख 60 हजार तक पहुंच गया. और बीती 11 जुलाई को ये आंकड़ा 12,83,455 पर आ गया. इसमें 8,21,239 पहली और 4,62,216 लोगों को दूसरी डोज़ दी गई.
राज्यों में 21 जून और 11 जुलाई के टीकाकरण में अंतर
21 जून और 11 जुलाई को राज्यों में हुए टीकाकरण के आंकड़ों पर नजर डालें तो आंध्र प्रदेश को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बहुत अधिक गिरावट दर्ज की गई है. कुछ राज्यों में जहां 21 जून को टीकाकरण लाखों में था वहां 11 जुलाई को आंकड़ा हजारों में पहुंच गया.
राज्यों में 21 जून और 11 जुलाई के टीकाकरण में अंतर
टीकों की सप्लाई में कमी है इसकी मुख्य वजह
इस तरह से बीते 3 हफ्तों में ये एक दिन में टीकाकरण का न्यूनतम आंकड़ा था. 21 जून को पूरे देश में जितने टीके लगे थे उसके 14 फीसदी से भी कम टीके 11 जुलाई को देशभर में लगे. ये आंकड़े यही इशारा करते हैं कि देश में टीकों की सप्लाई उस हिसाब से नहीं है. पीएम मोदी ने 7 जुलाई को सभी को मुफ्त टीका देने का ऐलान किया था और दो हफ्ते बाद 21 जून को इस अभियान की शुरुआत हुई. इस दौरान टीकों का संग्रहण भी हुआ होगा, जिसकी बदौलत पहले दिन तो रिकॉर्डतोड़ टीकाकरण हुआ लेकिन अगले दिन से ही टीकाकरण के आंकड़ों में गिरावट दर्ज की गई.
21 जून के मुकाबले अगले दिन से ही टीकाकरण की रफ्तार लगभग आधी हो गई थी और उसके बाद आने वाले दिनों में भी ये गिरावट जारी रही. cowin.gov.in के मुताबिक
तारीख
टीकाकरण
21 जून (शुरुआत)
91,74,921
22 जून
56,39,859
23 जून
68,01,127
24 जून
63,18,638
25 जून
64,17,535
26 जून
66,29,806
27 जून
18,16,845
28 जून
54,65,831
29 जून
37,61,935
30 जून
28,60,634
1 जुलाई
44,10,098
2 जुलाई
46,86,729
3 जुलाई
65,94,739
4 जुलाई
15,65,938
5 जुलाई
46,33,393
6 जुलाई
37,21,280
7 जुलाई
34,14,302
8 जुलाई
41,70,117
9 जुलाई
30,47,069
10 जुलाई
38,10,126
11 जुलाई
12,83,455
पहले दिन से ही टीकों की सप्लाई पर उठे हैं सवाल
भारत में इस साल 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई थी शुरुआत में डॉक्टरों समेत मेडिकल स्टाफ, फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी गई. उसके बाद 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान चलाया गया और फिर 45 वर्ष से अधिक की आयु के लोगों के लिए वैक्सीनेशन प्रोग्राम की शुरुआत हुई. यहां तक केंद्र सरकार ने मुफ्त टीके उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी उठाई थी.
1 मई से केंद्र सरकार ने 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए टीकाकरण अभियान भी शुरू कर दिया लेकिन इसके लिए राज्यों को टीके उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी दी गई. पहले दिन से ही कई राज्यों ने टीके की कमी की बात उठाई, कई राज्य टीकों की कमी का हवाला देकर 1 मई से ये अभियान शुरू नहीं कर पाए और फिर कई राज्यों ने वैक्सीन की कमी को लेकर केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया था.
राज्यों ने देश की वैक्सीन निर्माता कंपनियों के अलावा ग्लोबल टेंडर भी निकाले लेकिन वैक्सीन वक्त पर सप्लाई करने की चुनौती जस की तस बनी रही. इसके बाद 7 जुलाई को पीएम मोदी ने ऐलान किया कि टीकाकरण की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी.
अब तक 4 वैक्सीन को मिली है इजाजत
भारत में आपात इस्तेमाल को लेकर सरकार ने अब तक 4 वैक्सीन को इजाजत दी है. जिनमें भारत में बनी कोवैक्सीन और कोविशील्ड के अलावा रूस की स्पूतनिक और अमेरिका की मॉडर्ना शामिल हैं. हालांकि देश में अब तक सुचारू रूप से उत्पादन कोवैक्सीन और कोविशील्ड का ही हो रहा है. ऐसे में वैक्सीन की सप्लाई की समस्या जस की तस बनी हुई है.
इस रफ्तार से कब तक होगा सबका टीकाकरण ?
भारत की कुल आबादी करीब 1.37 अरब है. इसमें से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों की तादाद करीब 1.6 अरब है. इतनी आबादी को टीके की दो डोज़ दी जाए तो करीब 2.12 अरब डोज लगानी होंगी. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 13 जुलाई सुबह 7 बजे तक देश में कुल 38,14,67,646 डोज़ दी जा चुकी हैं.
13 जुलाई सुबह 7 बजे तक टीकाकरण
(Source: mohfw)
पहली डोज
30,66,12,781
दूसरी डोज
7,48,54,865
कुल डोज
38,14,67,646
आंकड़ों के मुताबिक अब तक सिर्फ 7,48,54,865 लोगों का पूर्ण रूप से टीकाकरण (दोनों डोज़) हुआ है. जो कि कुल आबादी का करीब 6 फीसदी है. जबकि 18 साल अधिक लोगों की तादाद करीब 1.6 अरब है और कुल आबादी लगभग 1.37 अरब. ऐसे में सवाल उठता है कि इस रफ्तार से टीकाकरण कब तक पूरा होगा.
विशेषज्ञों के मुताबिक टीकाकरण ही कोरोना वायरस के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है. भारत में दूसरी लहर अभी जारी है और तीसरी लहर का अनुमान लगाया जा रहा है. ऐसे में टीकाकरण के निर्धारित लक्ष्यों से बहुत पीछे है. विशेषज्ञों के मुताबिक एक साल में देश की 70 फीसदी आबादी का टीकाकरण जरूरी है.
इस हिसाब से इस साल के आखिर तक देश की 70 फीसदी का टीकाकरण होना चाहिए लेकिन टीकाकरण शुरू होने के 6 महीने बाद भी सिर्फ 6 फीसदी आबादी का पूर्ण रूप से टीकाकरण हो पाया है. ऐसे में सरकार के सामने इस लक्ष्य को पाने के लिए वक्त बहुत कम है और इसी वक्त में सरकार को वैक्सीन उत्पादन से लेकर सप्लाई तक की चुनौतियां भी हैं.