नई दिल्ली : भारत ने पूर्वी लद्दाख में 65 में से 26 पेट्रोलिंग प्वाइंट्स गंवा दिए हैं या फिर वहां पर अपनी पहुंच खो दी है. यह खुलासा एक रिपोर्ट में किया गया है. इस रिपोर्ट को एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने तैयार किया है.
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक लेह की एसपी पीडी नित्या ने यह रिपोर्ट तैयार की है. उनके अनुसार काराकोरम दर्रे से चुमुर तक कुल 65 पेट्रोलिंग प्वाइंट्स हैं. उन्होंने लिखा है कि यहां पर भारतीय सुरक्षा बल हमेशा से पेट्रोलिंग करते थे, लेकिन अब इनमें से 26 पीपी पर हमारी पेट्रोलिंग बंद हो गई है. यहां पर हमारी उपस्थिति नहीं है.
खबरों में बताया गया है कि यह रिपोर्ट पिछले हफ्ते सौंपी गई थी. जिस बैठक में यह रिपोर्ट सौंपी गई थी, उस बैठक में प्रधानमंत्री मंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शामिल थे. रिपोर्ट में इस बात को लेकर चिंता जताई गई है कि इन प्वाइंट्स पर गश्ती नहीं करने से चीन इसका फायदा उठा सकता है. उनके अनुसार चीन यह मान सकता है कि क्योंकि भारतीय गश्ती दल यहां नहीं आते हैं, इसलिए यह हमारा क्षेत्र है.
पीडी नित्या ने यह भी लिखा है कि गलवान घाटी की हिंसा से पहले इसी तरह से शुरुआत हुई थी. बाद में दोनों पक्षों के बीच संघर्ष की स्थिति आ गई. नित्या ने आगे यह भी लिखा है कि अगर इसे ऐसा ही छोड़ दिया गया, तो आगे स्थिति और भी जटिल हो जाएगी.
इस खबर को लेकर सुब्रमण्यम स्वामी ने भी ट्वीट किया है. स्वामी ने कहा कि एक साहसी अधिकारी ने इसका खुलासा कर दिया, हम तो लंबे समय से यह कहते आ रहे हैं. स्वामी ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने 'कोई आया नहीं' कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया, लेकिन अब तो ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने 'सरेंडर' कर दिया है. आपको बता दें कि स्वामी पीएम मोदी पर लगातार हमलावर रहे हैं. भारत और चीन के बीच एलएसी पर स्थिति को लेकर उन्होंने पहले भी कई टिप्पणियां की हैं.
एक अंग्रेजी अखबार ने सरकारी सूत्रों का हवाला देकर इन खबरों का खंडन किया है. उनके अनुसार, "कुछ क्षेत्रों को दोनों पक्षों के लिए गश्त के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. विवादों का राजनयिक समाधान लंबित है. कोई भूमि नहीं खोई गई है. डिसइंगेज क्षेत्र में, हमारे पास पीएलए के जितने कैमरे और तकनीकी साधन हैं और इसलिए क्षेत्र पर हम पहले जितना ही हावी हैं, यदि अधिक नहीं हैं."
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