नई दिल्ली : इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि मोबाइल एप्लीकेशन का इस्तेमाल करने में भारत दुनिया में शीर्ष पर है और सरकार भारतीय नवोन्मेषकों को मोबाइल एप तैयार करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है.
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान प्रसाद ने पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के साथ साथ सरकार भारतीय नवेन्मेषकों को मोबाइल एप तैयार करने के लिए प्रोत्साहन दे रही है और आने वाले समय में इस क्षेत्र में भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर कड़ी चुनौती पेश करेगा.
उन्होंने बताया कि सरकार ने मोबाइल सेवा एप स्टोर को नि:शुल्क एप रखने की अनुमति दे दी है.
प्रसाद ने कहा हमारे मोबाइल सेवा एप में, सब कुछ है और कुल 8.65 करोड़ लोगों ने इसे डाउनलोड किया. यह सही दिशा में हो रहा सुधार है.
उन्होंने कहा हम भारतीयों के लिए मेक इन इंडिया यानी भारत में तैयार किए गए एप को प्रोत्साहित कर रहे हैं. हमने आत्मनिर्भर भारत मोबाइल एप नवाचार स्पर्धा शुरु की जिसमें 6,940 एप डवलपर आगे आए। इनमे से हमने नौ श्रेणियों में 25 का चयन किया और उन्हें पुरस्कार भी दिया गया.
सरकार की ओर से कोई मैसेजिंग एंड कॉलिंग एप शुरु किए जाने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में प्रसाद ने बताया साइबर सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है और ऐसे ऐप डवलपर को कतई प्रोत्साहन नहीं दिया जाएगा जिनके एप जोखिम उत्पन्न कर सकते हैं.
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उन्होंने कहा कि एक मोबाइल सेवा एप पहले से है और राज्य सरकारों के मैसेजिंग सेंटर भी हैं. उन्होंने, लेकिन हम चाहते हैं कि सरकार के बाहर से और अधिक संख्या में नवाचार आएं। बहरहाल साइबर सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है और जिनके उत्पाद सवालिया निशान वाले होंगे, वह निश्चित रूप से चुनौती होंगे.
मंत्री ने कहा साइबर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमने कुछ एप रोक दिए हैं.
उन्होंने बताया कि इंडिया एप मार्केट स्टैटिस्टिक्स रिपोर्ट 2021 के अनुसार, एंड्रॉयड पर मौजूद एप में से पांच फीसदी एप वह है जो भारतीय डवलपर्स ने तैयार किए हैं.
उन्होंने कहा जरूरत को देखते हुए मोबाइल सेवा एप स्टोर शुरू किया गया जिस पर सरकारी एप हैं और वह निजी एप को भी रख सकता है. मोबाइल सेवा एप स्टोर भारत का पहला स्वदेश में विकसित एप स्टोर है जिसमें अलग अलग डोमेन और जन सेवा श्रणियों के 965 से अधिक एप हैं। इन एप को नि:शुल्क डाउन लोड किया जा सकता है.