नई दिल्ली : भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री (Pakistan's Foreign Minister) शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) द्वारा दसू घटना के संबंध में की गई बेतुकी टिप्पणी के लिए पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई.
कुरैशी ने गुरुवार को भारतीय और अफगान खुफिया एजेंसियों (Afghan intelligence agencies ) को पिछले महीने पाकिस्तान के खैबर पंकपख्तूनख्वा (Khyber PankPakhtunkhwa) में दसू में एक बस पर हमला करने के लिए दोषी ठहराया, जिसमें 10 चीनी मजदूर और तीन पाकिस्तानियों की मौत हो गई थी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता (Ministry of External Affairs spokesperson ) अरिंदम बागची (spokesperson Arindam Bagchi ) ने कड़े शब्दों में कहा, 'हमने दसू में हुई घटना पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री द्वारा की गई बेतुकी टिप्पणियों पर रिपोर्ट देखी है.'
उन्होंने कहा, 'क्षेत्रीय अस्थिरता के केंद्र और प्रतिबंधित आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह के रूप में अपनी भूमिका के लिए अंतरराष्ट्रीय ध्यान भटकाने के लिए पाकिस्तान द्वारा भारत को बदनाम करने का यह एक और प्रयास है.'
भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय (international community) के साथ साझेदारी में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में सबसे आगे रहा है, जो आतंकवाद के मामले में पाकिस्तान की छवि से अच्छी तरह वाकिफ है.
बता दें कि इस्लामाबाद में गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुरैशी ने कहा कि हमले में इस्तेमाल किए गए वाहन को अफगानिस्तान से पाकिस्तान में तस्करी कर लाया गया था.
उन्होंने हमला करने का आरोप भारतीय गुप्तचर एजेंसी रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग (रॉ) और अफगानिस्तान के नेशनल डायरेक्टरेट ऑफ सिक्युरिटी (एनडीएस) पर लगाया. कुरैशी ने आरोप लगाया कि इस घटना के पीछे दो एजेंसियों की सांठगांठ है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने 36 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, जबकि जांच के दायरे में करीब 1400 किमी के इलाके को शामिल किया गया.
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बता दें कि यह पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ लगाया गया केवल एक झूठा आरोप नहीं है, बल्कि इससे पहले भी पाकिस्तान द्वारा अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर में भारत को नीचा दिखाने के कई प्रयास किए गए हैं. इसने समय-समय पर इस तरह की कई नापाक गतिविधियों के लिए भारत को दोषी ठहराया है और वैश्विक मंचों पर कश्मीर मुद्दे को उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, जो भारत का आंतरिक मामला है.