नई दिल्ली: भारत में दक्षिण कोरिया के राजदूत चांग जे-बोक (Chang Jae-Bok) ने मंगलवार को कहा कि 28 अरब अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार और 600 कोरियाई कंपनियों का मेक इन इंडिया में योगदान मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का प्रमाण है. उन्होंने छठे भारत-कोरिया बिजनेस पार्टनरशिप फोरम 2023 के दौरान कहा कि वित्त, लॉजिस्टिक्स, हरित हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक वाहनों में भारत-कोरिया सहयोग महत्वपूर्ण वादा करता है.
इस बीच, बदलती वैश्विक व्यवस्था में कोरिया को भारत का विश्वसनीय भागीदार बताते हुए भारत सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि उत्पादक जुड़ाव को मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय व्यापार समझौते को उन्नत किया जाएगा. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच और डिजिटल और हरित संक्रमण में तेजी लाने में मदद करने के लिए कोरियाई कंपनियों से भारत के सेमीकंडक्टर और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश करने का आग्रह किया.
सिंह ने भारतीय परिसंघ द्वारा आयोजित भारत-कोरिया बिजनेस पार्टनरशिप फोरम में कहा कि हमने इस सुझाव पर ध्यान दिया है कि द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए भारत-कोरिया व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) को उन्नत करने की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि भारत पीएलआई जैसी योजनाओं के माध्यम से एक अधिक मजबूत विनिर्माण आधार में बदलाव लाने की कोशिश कर रहा है. इसके तहत अर्थव्यवस्था के 14 क्षेत्रों के साथ-साथ हाई-टेक क्षेत्रों में प्रोत्साहन के रूप में 26 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक प्रदान किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि जैसे कि सेमी-कंडक्टर जहां हम वैश्विक सेमी-कंडक्टर निर्माताओं को भारत में आकर्षित करने के लिए 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का प्रोत्साहन प्रदान कर रहे हैं. सिंह ने कहा कि कई कोरियाई कंपनियों के भारत में उनके सबसे बड़े अनुसंधान एवं विकास केंद्र हैं जिन्हें हम वैश्विक क्षमता केंद्र कहते हैं. वे घरेलू बाजारों में अग्रणी बनकर उभरे हैं और दुनिया के लिए उपलब्ध कराए गए बुनियादी ढांचे का भी लाभ उठाया है.