हैदराबाद :भारत की न्याय रिपोर्ट (आईजेआर) मुख्य रूप से हर राज्य की न्याय देने की क्षमता में आने वाले उतार चढ़ाव तथा वित्तीय व ढांचागत पहलू पर नजर रखता है. इसके लिए आईजेआर मानव संसाधन व बजट के ताजा आकड़ों का इस्तेमाल करता है. इस दौरान पुलिस, न्यायपालिका, जेल व विधि सेवा के कार्यों को देखा जाता है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 25 राज्यों की जेल में कैदियों की संख्या बढ़ी है. विचाराधीन कैदियों का बढ़ा अनुपात इसकी बड़ी वजह मानी गई है. आईजेआर की रिपोर्ट के मुताबिक, 36 में 35 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में जेलों की क्षमता से 50 प्रतिशत अधिक कैदी रखे जाते हैं. कई राज्यों में सरकार द्वारा मंजूर पदों में 25 प्रतिशत से अधिक पद पुलिस, जेल और विधि सेवा विभाग में रिक्त हैं.
- 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 15 ऐसी जगहें हैं, जहां 100 प्रतिशत कैदी हैं.
- 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 17 ऐसी जगहें हैं, जहां 10 प्रतिशत से ज्यादा महिला कैदी स्टाफ हैं.
- 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से पांच ऐसी जगहें हैं, जहां सुधारक कर्मचारी वैकेंसी (correctional staff vacancy) 20 प्रतिशत से कम है.
- 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 22 औसतन खर्च, प्रति वर्ष 30,000 से अधिक 2,500 प्रति माह-भोजन, कपड़े, चिकित्सा, व्यावसायिक और कल्याणकारी गतिविधियों पर प्रति कैदी खर्च होता है.
- 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 18 अपने वार्षिक बजट का कम से कम 90 प्रतिशत उपयोग करते थे.
- पूरे भारत में 1,350 जेलों में से 60 प्रतिशत में केवल 808 के पास ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा थी.
- 50649 कैदियों की संख्या, जो उत्तर प्रदेश के दो सुधारक कर्मचारियों में से प्रत्येक के लिए जिम्मेदार है.
आधारिक संरचना
- सभी जेलों की पूरी आबादी 4,33,003 (PSI 2016) से बढ़कर 4,78,600 (PSI 2019) हो गई है. वहीं, जेलों की संख्या 1,412 से घटकर 1,350 हो गई है. कई अपरिहार्य उप-जेलों को बंद कर दिया गया है और उनकी आबादी को अब आवश्यक रूप से निकटतम जिला या केंद्रीय जेलों में आत्मसात किया जाना चाहिए.
- पिछले दो वर्षों में बीस राज्यों ने वास्तव में कब्जे में वृद्धि देखी है. सबसे अधिक भीड़ वाली जेलें दिल्ली (175 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (168 प्रतिशत) और उत्तराखंड (159 प्रतिशत) में हैं.
- 16 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की रिपोर्ट के मुताबिक, 90 प्रतिशत जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा है.
- बड़े और मध्यम आकार के राज्यों में से हालांकि, पांच प्रदेश 50 फीसदी से कम थे. केरल (42 प्रतिशत), राजस्थान (38 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल (32 प्रतिशत), कर्नाटक (31 प्रतिशत) और तमिलनाडु (9 प्रतिशत) है.