नई दिल्ली : ग्रुप ऑफ सेवन (जी7) के नेताओं ने दक्षिण जर्मनी के बवेरियन आल्प्स के श्लॉस एल्मौ में अपने तीन दिवसीय वार्षिक शिखर सम्मेलन की शुरुआत की. सात आर्थिक शक्तियों (जी 7) के समूह के नेता यूक्रेन संकट सहित वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए जमा हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने जी-7 के शिखर सम्मेलन के एक सत्र में सोमवार को हरित विकास, स्वच्छ ऊर्जा, सतत जीवनशैली और वैश्विक कल्याण के लिए भारत के प्रयासों को रेखांकित किया. G7 के मौके पर पीएम मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा से मुलाकात की और भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच व्यापार और लोगों से लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के तरीकों सहित दोस्ती की पूरी श्रृंखला पर चर्चा की. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों और कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो से भी मुलाकात की.
पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुणायत का कहना है कि 'भारत को वस्तुतः जी 8 के रूप में देखा जाता है क्योंकि यह पहले लगातार आउटरीच में भागीदारी कर रहा है. पिछले तीन वर्षों से पीएम मोदी इन शिखर सम्मेलनों में भाग ले रहे हैं. भारत को इसमें स्थान पाने का गौरव प्राप्त है. दूसरा मेरा मानना है कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के तुरंत बाद सभी 4-5 देश जिन्हें भारत +4 आमंत्रित किया गया है, वे भी ब्रिक्स का हिस्सा हैं और उनमें से कुछ ब्रिक्स का हिस्सा बनने का लक्ष्य बना रहे हैं. इसलिए हम एक बहुत ही अलग तरह के वैश्विक वातावरण को देख रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि भारत की स्थिति 'रणनीतिक स्वायत्तता' या 'स्वतंत्र स्थिति' की है, जिसे रूस-यूक्रेन युद्ध या रूस से ईंधन की निरंतर खरीद के दौरान देखा गया है. ये ऐसे मुद्दे हैं जो पश्चिमी देशों को पसंद नहीं हैं लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार करना सीख लिया है. और अंत में वे व्यापारिक राष्ट्र हैं, वे उस क्षमता को भी देखते हैं जो सबसे बड़ा लोकतंत्र और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है.' भारत के अलावा, अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका ने इस वर्ष के शिखर सम्मेलन में अतिथि के रूप में भाग लिया. G7 वैश्विक दक्षिण के लोकतंत्रों को अपने भागीदारों के रूप में मान्यता देने का प्रयास करता है.
पूर्व भारतीय दूत ने 'ईटीवी भारत' को बताया वर्ष 2000 के बाद से भारत जी 7 कार्यक्रमों की पहुंच में रहा है और विभिन्न मंचों में भाग लिया है.भारत के विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय संबंध और रणनीतिक साझेदारी भी रही है. भारत यूरोपीय संघ, अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा के साथ एफटीए (मुक्त व्यापार समझौता) पर चर्चा कर रहा है. हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के साथ हस्ताक्षर किए हैं इसलिए, भारत बाजार के दृष्टिकोण से एक अत्यंत महत्वपूर्ण देश है.'