नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान में शांति (peace in afghanistan) सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय देशों सहित कई पक्षकारों के साथ बातचीत कर रहा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (arindam bagchi) ने कहा, अफगानिस्तान के साथ हमारे संबंध ऐतिहासिक और बहुआयामी हैं. हम विभिन्न जातियों के अफ़गानों के साथ काम कर रहे हैं. यह बयान उस रिपोर्ट के बाद आया जिसमें कहा गया कि भारत ने पहली बार अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की तेजी से वापसी की पृष्ठभूमि के खिलाफ मुल्ला बरादर सहित अफगान तालिबान गुटों और नेताओं के साथ बातचीत के चैनल खोले हैं.
यह कदम किसी भी तरह से अफगान तालिबान के साथ न उलझने की नई दिल्ली की स्थिति को बताता है. यह कदम ऐसे समय में आया है जब प्रमुख विश्व शक्तियां इस स्थिति के इर्द-गिर्द घूम रही हैं कि तालिबान काबुल में किसी भी भविष्य की व्यवस्था में कुछ भूमिका निभाएगा.
आउटरीच का नेतृत्व बड़े पैमाने पर भारतीय सुरक्षा अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है और तालिबान गुटों और नेताओं तक सीमित है जिन्हें 'राष्ट्रवादी' या पाकिस्तान और ईरान के प्रभाव क्षेत्र से बाहर माना जाता है.