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भारत ने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए बहुआयामी नीति अपनाई है : विशेषज्ञ

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Published : Dec 6, 2021, 3:45 PM IST

Updated : Dec 6, 2021, 6:03 PM IST

विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर (Dr S Jaishankar ) और सर्गेई लावरोव ( Sergey Lavrov) के बीच की हुई मुलाकात को लेकर पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा (Former diplomat Achal Malhotra) ने कहा, 'हमें व्यापक संदर्भ में हाल के वर्षों में भारत की विदेश नीति (India's foreign policy) को देखना होगा. हमने शीर्ष पर अपने राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए नीतियां अपनाई हैं.

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जयशंकर और लावरोव

नई दिल्ली : विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर (Dr S Jaishankar ) ने सोमवार को यहां राष्ट्रीय राजधानी में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव ( Sergey Lavrov) से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग, रक्षा सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा (discussion on global and regional issues) की. साथ ही उन्होंने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी गहन चर्चा की.

लावरोव और जयशंकर के बीच की हुई मुलाकात को लेकर पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा (Former diplomat Achal Malhotra) ने कहा, 'हमें व्यापक संदर्भ में हाल के वर्षों में भारत की विदेश नीति (India's foreign policy) को देखना होगा. हमने शीर्ष पर अपने राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए नीतियां अपनाई हैं. इसके परिणामस्वरूप आज हमारी एक ओर अमेरिका के साथ व्यापक, वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है और दूसरी ओर रूस के साथ विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी भी है.'

उन्होंने कहा कि अमेरिका और रूस एक-दूसरे के आमने-सामने खड़ें हैं और उनके संबंध सबसे निचले स्तर पर हैं, लेकिन इसने हमें उनमें से प्रत्येक के साथ संबंध विकसित करने से नहीं रोका है.

जानकारी देतीं संवाददाता

पूर्व राजनयिक ने कहा कि भारत ने सभी राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़कर सभी रक्षा आवश्यकताओं को पूरा किया है, क्योंकि हम चीन और पाकिस्तान (China and Pakistan) से दो मोर्चों पर खतरों का सामना कर रहे हैं.

विशेषज्ञ मल्होत्रा ने कहा कि रक्षा क्षमता को मजबूत करने के लिए (strengthen defence capacity) जहां से हमने चाहा, वहां से रक्षा आवश्यकता को पूरा किया है. नतीजतन, हम अमेरिका, रूस, फ्रांस इजराइल आदि से हथियार खरीद रहे हैं और हमने CAATSA के तहत प्रतिबंध लगाने की अमेरिकी धमकियों (American threats of imposing sanction) से खुद को दबाव में नहीं आने दिया है.

डॉ एस जयशंकर ने अपने रूसी समकक्ष के साथ बैठक को लेकर कहा है कि भारत-रूस साझेदारी (India-Russia partnership) अद्वितीय है. जयशंकर ने कहा, 'हम तेजी से भू-राजनीतिक परिवर्तनों की दुनिया में बहुत जागरूक हैं. हम अपने सहयोग मेसे अपने द्विपक्षीय संबंधों से बहुत संतुष्ट हैं.

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वहीं, रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने रूस-भारत संबंधों की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि हम आज 2+2 प्रारूप की बैठक का इंतजार कर रहे हैं. आज की चर्चा के बाद हस्ताक्षर करने के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेजों का मसौदा तैयार किया गया है.

विशेषज्ञ मल्होत्रा ने आगे बताया कि सभी बड़ी शक्तियां अपने कारणों से भारत को एक आवश्यक भागीदार के रूप में देख रही हैं.

उन्होंने कहा, 'अमेरिका चीन को नियंत्रित करना चाहता है और उसे पूरे क्षेत्र में भारत से बेहतर साझेदार नहीं मिल सकता, इसलिए हमारे पास 'क्वाड' है. दूसरी ओर, यह रूस के लिए एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि वे दबाव में हैं, इसलिए उसे चीन के साथ संबंध सुधारना होगा, लेकिन रूस यह भी नहीं चाहता है कि चीन एशिया में विशेष रूप से मध्य एशिया में मजबूती हासिल करे. इसलिए, व्यापक संदर्भ में भारत संलग्न होने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण देश के रूप में उभरा है.'

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अचल मल्होत्रा ने बताया कि हम विशेष रूप से रक्षा आपूर्ति के लिए एक बहुत बड़ा बाजार भी पेश करते हैं और इसलिए, हर कोई हम से संबंध स्थापित करने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहा है.

भारत-रूस रक्षा मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बैठक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को अपने रूसी समकक्ष जनरल सर्गेई शोयगू के साथ सैन्य उपकरणों के संयुक्त उत्पादन को विस्तार देने सहित रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की.

सिंह के कार्यालय ने बैठक की एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, 'रूस के रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोयगू और राजनाथ सिंह ने नयी दिल्ली में सुषमा स्वराज भवन में मुलाकात की.' भारत और रूस इस शिखर सम्मेलन में रक्षा, व्यापार एवं निवेश, ऊर्जा एवं प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने के लिए कई समझौते किए.

अधिकारियों ने बताया कि सिंह और शोयगू के बीच रक्षा उपकरणों के संयुक्त उत्पादन के विस्तार के तरीकों सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई. शिखर वार्ता के मद्देनजर भारत ने अमेठी के कोरवा में भारत-रूस संयुक्त उद्यम के जरिए पांच लाख से अधिक एके-203 असॉल्ट राइफल के विनिर्माण के लिए करीब 5,000 करोड़ रुपये के लंबित ‘एके 203 कलाश्निकोव राइफल्स समझौते’ को मंजूरी दे दी थी.

पीएम मोदी से मिलेंगे पुतिन

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन आज शिखर वार्ता करेंगे, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे. साथ ही दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर भी चर्चा करेंगे. विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दिल्ली में 21 वां भारत-रूस शिखर वार्ता दोनों नेताओं को क्षेत्रीय, बहुपक्षीय और परस्पर हित के अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर उपलब्ध कराएगा.

Last Updated : Dec 6, 2021, 6:03 PM IST

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