नई दिल्ली :नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री भगवंत खुबा (Union Minister of State for New and Renewable Energy Bhagwant Khuba) जर्मनी के म्यूनिख में आयोजित इंटरसोलर यूरोप 2022 में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने 'इंडियाज़ सोलर एनर्जी मार्केट' (भारत का सौर ऊर्जा बाजार) विषय पर होने वाले निवेश प्रोत्साहन कार्यक्रम में प्रमुख वक्तव्य दिया. इस अवसर पर खुबा ने इस बात पर जोर दिया कि भारत उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल का स्वदेशी निर्माण बढ़ाने के लिए संकल्पित है और इसके लिए 24,000 करोड़ रुपये का बजट परिव्यय का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा भारत में हरित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए 25, 425 करोड़ रुपये का अनुमानित परिव्यय का प्रावधान किया गया है. हरित हाइड्रोजन मिशन से आशा की जाती है कि वह हर वर्ष 4.1 मिलियन टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा.
खुबा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी पंचामृत का लक्ष्य कॉप-26 इंडिया के दौरान तय किया गया था, जिसके तहत भारत 2070 तक नेट-ज़ीरो का लक्ष्य प्राप्त करेगा तथा 2030 तक गैर-जीवाश्म 500 गेगावॉट ऊर्जा की क्षमता स्थापित करेगा. उन्होंने कहा कि भारत में नवीकरणीय ऊर्जा संसाधान की अपार क्षमता है तथा इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए मजबूत बुनियाद को मजबूत नीति का समर्थन प्राप्त है.