नई दिल्ली : इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक ओमान के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए जाने वाला है. भारत और ओमान के बीच प्रत्यर्पण संधि है. लिहाजा, कयास लगाए जा रहे हैं कि भारतीय एजेंसियां जाकिर नाइक को वहां पर गिरफ्तार कर सकती है. सूत्रों का कहना है कि अधिकारियों ने ओमान की एजेंसियों से संपर्क साधा है. जाकिर नाइक भारत को मोस्ट वांटेड व्यक्ति है. वह भगोड़ा भी घोषित किया जा चुका है. जाकिर 2016 से फरार चल रहा है. उस पर दूसरे लोगों को उकसाने का आरोप है, जिन्होंने देश में कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है. जाकिर की गिरफ्तारी हो पाएगी या नहीं, यह तो आने वाले समय में ही पता चल पाएगा, फिलहाल जानते हैं कि भारत का किन-किन देशों के साथ प्रत्यर्पण की संधि है.
आपको बता दें कि जब तक प्रत्यर्पण की संधि नहीं होगी, तब तक किसी भी भगोड़े को भारत लाना मुश्किल होगा. यह दो देशों या फिर दो से अधिक देशों के बीच हो सकती है. इसके तहत दोनों देश इस बात पर सहमत होते हैं, यदि किसी व्यक्ति ने इन दोनों देशों में किसी भी जगह पर आपराधिक वारदात को अंजाम दिया है, तो वे उसे उस देश को सौंप देंगे, जहां पर उसने अपराध किया है. हालांकि, इसकी कानूनी प्रक्रिया थोड़ी लंबी होती है. सबसे पहले तो भारतीय कोर्ट में इसकी प्रक्रिया शुरू होती है. वहां पर उसके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया जाता है. पेश नहीं होने पर फिर से वारंट जारी होता है. बाद में विदेश मंत्रालय की भूमिका आती है. मंत्रालय अपनी ओर से उस देश को अनुरोध करता है.
जानकारी दे दें कि भारत का 47 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि है. इनमें अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, फ्रांस और पुर्तगाल जैसे देश शामिल हैं. इसके अलावा भारत का 11 अन्य देशों के साथ अलग से प्रत्यर्पण सहमति है, जिनमें सिंगापुर, पेरू और श्रीलंका शामिल हैं. साथ ही इन द्विपक्षीय संधियों के अलावा भारत संयुक्त राष्ट्र के तहत भी कई संधियों का भागीदार है. लिहाजा, भारत उन देशों से भी अनुरोध कर सकता है, जिनसे द्विपक्षीय स्तर पर प्रत्यर्पण संधि नहीं है.