नई दिल्ली/बर्न: भारत को वार्षिक स्वचालित सूचना विनिमय (Annual Automatic Information Exchange) के हिस्से के रूप में अपने नागरिकों और संगठनों के स्विस बैंक (Swiss Bank) खाते के विवरण का चौथा सेट प्राप्त हुआ है, जिसके तहत स्विट्जरलैंड ने 101 देशों के साथ लगभग 34 लाख वित्तीय खातों का विवरण साझा किया है. अधिकारियों ने कहा कि भारत के साथ साझा किया गया नया विवरण सैकड़ों वित्तीय खातों से संबंधित है, जिसमें कुछ व्यक्तियों, कॉरपोरेट्स और ट्रस्टों से जुड़े कई खातों के कई मामले शामिल हैं.
उन्होंने सूचनाओं के आदान-प्रदान के गोपनीयता खंड और आगे की जांच पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव का हवाला देते हुए विशिष्टताओं का खुलासा नहीं किया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि डेटा का इस्तेमाल संदिग्ध कर चोरी व मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग सहित अन्य गलत कामों की जांच में बड़े पैमाने पर किया जाएगा. फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफटीए) (Federal Tax Administration) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि इस साल सूचनाओं के आदान-प्रदान से सूची में पांच नए देश जोड़े गए हैं, जिनमें अल्बानिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, नाइजीरिया, पेरू और तुर्की शामिल हैं.
जानकारी के अनुसार वित्तीय खातों की संख्या में लगभग एक लाख की वृद्धि हुई है. जहां एक्सचेंज 74 देशों के साथ पारस्परिक था, स्विट्जरलैंड ने जानकारी प्राप्त की, लेकिन रूस सहित 27 देशों के मामले में कोई जानकारी प्रदान नहीं की, क्योंकि या तो वे देश अभी तक गोपनीयता और डेटा सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं या फिर उन्होंने जानकारी प्राप्त नहीं करना चुना है. जहां एफटीए ने सभी 101 देशों के नाम और आगे के विवरण का खुलासा नहीं किया, वहीं अधिकारियों ने कहा कि भारत लगातार चौथे वर्ष सूचना प्राप्त करने वालों में प्रमुख रूप से शामिल है.
पढ़ें:KIIFB जांच में आईजैक को बार-बार ईडी के समन का कोई औचित्य नहीं : केरल HC
अधिकारियों ने कहा कि भारतीय अधिकारियों के साथ साझा किए गए विवरण बड़ी संख्या में व्यक्तियों और संगठनों से संबंधित हैं, जिनके स्विस वित्तीय संस्थानों में खाते हैं. अधिकारियों ने कहा कि यह आदान-प्रदान पिछले महीने हुआ था और सूचना का अगला सेट स्विट्जरलैंड द्वारा सितंबर 2023 में साझा किया जाएगा. भारत को सितंबर 2019 में AEOI (सूचना का स्वचालित आदान-प्रदान) के तहत स्विट्जरलैंड से विवरण का पहला सेट प्राप्त हुआ था. यह उस वर्ष ऐसी जानकारी प्राप्त करने वाले 75 देशों में शामिल था. पिछले साल भारत ऐसे 86 साझेदार देशों में शामिल था.