नई दिल्ली: भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर अवधि) में 5.4% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान हुई वृद्धि की तुलना में निकाली गई है. सोमवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों से इस बात की जानकारी मिली है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने कहा कि तीसरी तिमाही में जीडीपी (2011-12 श्रंखला) स्थिर मूल्य पर वित्त वर्ष 2021-22 में 38.22 लाख करोड़ रुपये तक रहने का अनुमान है, जबकि तीसरी तिमाही में यह 36.26 लाख करोड़ रुपये था. पिछले वित्तीय वर्ष में, साल-दर-साल आधार पर 5.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. आज जारी राष्ट्रीय आय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के पूरे वित्त वर्ष के लिए स्थिर कीमतों पर वास्तविक जीडीपी या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पहले की तुलना में 147.72 लाख करोड़ रुपये के स्तर को छूने का अनुमान है.
पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद का संशोधित अनुमान 135.58 लाख करोड़ रुपये है. पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में 8.9% की वृद्धि होने की उम्मीद है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में इसमें 6.6% की गिरावट आई थी. जबकि जीडीपी, जो मुद्रास्फीति को भी ध्यान में रखकर निकाली जाती है, वर्ष 2021-22 में मौजूदा कीमतों पर पिछले वित्त वर्ष के 198.01 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 236.44 लाख करोड़ रुपये के स्तर को प्राप्त करने का अनुमान है, जो 19.4 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है. हालांकि अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर उसी अवधि के लिए चीन की तुलना में बेहतर है, जहां 4% की वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन इसकी विकास दर पहली दो तिमाहियों की तुलना में घट गई है-अप्रैल से जून और जुलाई से सितंबर की अवधि तक.
तीसरी तिमाही में जीडीपी विकास दर में गिरावट