पेरिस : भारत और फ्रांस ने शुक्रवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की बातचीत के बाद जेट और हेलीकॉप्टर इंजन के संयुक्त विकास और भारतीय नौसेना के लिए तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के निर्माण सहित 'अभूतपूर्व' रक्षा सहयोग परियोजनाओं की घोषणा की.
दोनों रणनीतिक साझेदारों ने तीसरे देशों के लाभ सहित उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों के सह-विकास और सह-उत्पादन में सहयोग करने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की. इस निर्णय को बढ़ते द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के प्रतिबिंब के रूप में देखा जाता है. हालांकि, फ्रांस की ओर से राफेल लड़ाकू जेट के 26 नौसैनिक वेरिएंट की बहुप्रतीक्षित खरीद पर कोई बयान जारी नहीं किया गया है.
रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए 25 साल के रोडमैप को सूचीबद्ध करने वाले एक दस्तावेज में 36 राफेल जेट की 'समय पर डिलीवरी' का उल्लेख किया गया है. जो भारत सरकार ने भारतीय वायु सेना के लिए फ्रांस से खरीदे थे. इसमें कहा गया है कि दोनों पक्ष पी-75 कार्यक्रम के तहत तीन अतिरिक्त पनडुब्बियों के निर्माण के लिए भारत के मझगॉन डॉकयार्ड लिमिटेड और फ्रांस के नौसेना समूह के बीच हुए समझौते का स्वागत करते हैं.
'हॉरिजन 2047: भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ, भारत-फ्रांस संबंधों की एक सदी की ओर' शीर्षक वाले दस्तावेज में कहा गया है कि दोनों पक्ष भारतीय पनडुब्बी बेड़े और उसके प्रदर्शन को विकसित करने के लिए और अधिक महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का पता लगाने के लिए तैयार हैं. इसमें कहा गया है कि पांच दशकों से अधिक समय से सैन्य विमानन में अपने उत्कृष्ट सहयोग के अनुरूप, भारत और फ्रांस भारत की ओर से ऑर्डर किए गए 36 राफेल की समय पर डिलीवरी का स्वागत करते हैं.