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वैश्विक खाद्य संकट के बीच अनाज निर्यात में भारत के आड़े आ रहा है WTO : वित्त मंत्री सीतारमण - तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की हाल में संपन्न बैठक

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद उत्पन्न हालात में वैश्विक स्तर पर खाद्यान्न की कमी महसूस की जा रही है. ऐसे माहौल में भारत जैसे देशों पर लगे विश्व व्यापार संगठन की अड़चनें हटाकर इस संकट से निपटा जा सकता है.

खाद्यान्न की स्थिति
खाद्यान्न की स्थिति

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Published : Apr 23, 2022, 9:09 AM IST

Updated : Apr 23, 2022, 4:18 PM IST

वाशिंगटन: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि यूक्रेन संकट के कारण वैश्विक स्तर पर उत्पन्न खाद्यान्न की कमी के बीच अनाज के निर्यात के जरिए इस समस्या का समाधान निकालने की क्षमता रखने वाले भारत जैसे देशों को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सीतारमण ने शुक्रवार को यहां भारतीय संवाददाताओं के एक समूह से कहा कि हाल में समाप्त हुई अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की सालाना वसंत बैठक के दौरान भारत की चिंताओं के जवाब में डब्ल्यूटीओ की महानिदेशक नगोजी ओकोंजा इवेला ने कहा कि संगठन इस ओर सकारात्मक रूप से ध्यान दे रहा है और इसका समाधान निकलने की उम्मीद है.

इस संवाददाता सम्मेलन में सीतारमण के साथ अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू भी उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत से खाद्यान्न संकट की स्थिति में मदद देने का अनुरोध किया है. सीतारमण ने एक सवाल के जवाब में कहा, पूर्ण सत्र के दौरान डब्ल्यूटीओ की प्रतिक्रिया बहुत ही सकारात्मक थी. मुझे उम्मीद है कि हम दशक भर पुरानी उस बाधा से पार पा सकेंगे जो हमें खाद्य सुरक्षा उद्देश्यों के लिए आवश्यक अतिरिक्त भंडार के बाद हमारे कृषि उत्पादों का उपयोग करने से रोकती रही है. इसका लाभ किसानों को भी मिलेगा.

उन्होंने कहा कि भारत ने यूक्रेन संकट की पृष्ठभूमि में खाद्यान्न निर्यात और विनिर्माण के अवसरों की पहचान की है. वित्त मंत्री ने कहा, हमने अवसरों की पहचान की है और उस दिशा में आगे बढ़े हैं...खाद्यान्न विशेषकर गेहूं के निर्यात को लेकर. हमारे द्वारा विनिर्मित उत्पादों को ऐसे गंतव्यों तक पहुंचाने के अवसर हम खोज रहे हैं जहां आपूर्ति में अवरोधक पैदा हो गए हैं.

उन्होंने कहा कि इस युद्ध (रूस-यूक्रेन) ने कई सच्चाईयां दुनिया के सामने ला दी हैं. सीतारमण ने कहा, एक सत्र में मैंने अपनी बात रखी थी कि भारत जैसे देश जिनमें कृषि उत्पादों विशेषकर अनाज के निर्यात की क्षमता है वे डब्ल्यूटीओ में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें-यूक्रेन संकट पर IMF बोला, कठिन दौर में वैश्विक अर्थव्यवस्था, भारत की स्थिति बेहतर

पीटीआई

Last Updated : Apr 23, 2022, 4:18 PM IST

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