नई दिल्ली/कोलंबो: भारत ने श्रीलंका को आर्थिक संकट (Sri Lanka Economic Crisis) से उबारने के लिए क्रेडिट लाइन, ईंधन व भोजन की मदद जारी रखी है. वहीं श्रीलंका में बिजली की भारी कमी है और हिंसक विरोध की भी खबरें आ रही हैं. सरकार ने आपातकाल घोषित कर दी है और रविवार को विरोध प्रदर्शन के कारण देश भर में 36 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया गया है. अब तक लगभग 600 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
इस कठिन समय में भारत, द्वीप राष्ट्र को संकट से उबारने के लिए आगे आया है. भारत ने श्रीलंका के अनुरोधों पर तत्काल कार्रवाई के साथ जवाब दिया है. श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त गोपाल बागले ने बताया कि इस साल जनवरी से भारत से श्रीलंका को 2.5 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक की मदद मिल चुकी है. फरवरी में 500 मिलियन अमरीकी डालर की क्रेडिट लाइन पर हस्ताक्षर किए गए. 150000 टन से अधिक जेट विमानन ईंधन, डीजल और पेट्रोल की कुल चार खेप श्रीलंका पहुंच चुकी है. मई तक पांच और खेप पहुंचाया जाएगा. पिछले महीने ही भोजन, दवा और आवश्यक वस्तुओं के लिए 1 बिलियन अमरीकी डालर की लाइन ऑफ क्रेडिट पर हस्ताक्षर किए गए थे.
भारत कर रहा मदद:बागले ने कहा कि भारत से चावल की पहली खेप इस क्रेडिट सुविधा के तहत जल्द ही श्रीलंका पहुंचने की उम्मीद है. इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक ने एशियन क्लीयरेंस यूनियन के तहत कई सौ मिलियन डॉलर मूल्य के सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका द्वारा 400 मिलियन अमरीकी डालर की मुद्रा अदला-बदली और आस्थगित भुगतान का विस्तार किया है. श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त ने कहा कि ये श्रीलंका के लोगों के लिए ऐसे समय में यह सुविधाएं जीवन रेखा साबित हुई हैं. क्योंकि श्रीलंका द्वारा आयात का वित्तपोषण और भुगतान की मुश्किल स्थिति है.
ईंधन की आपूर्ति जारी:श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त ने कहा कि इस समय श्रीलंका के लोगों के लिए भारत की त्वरित सहायता की श्रीलंकाई समाज के सभी वर्गों ने सराहना की है. भारत ने शनिवार को श्रीलंका को 40000 मीट्रिक टन डीजल की आपूर्ति की. ताकि द्वीप देश में बिजली संकट को कम करने में मदद मिल सके. भारत द्वारा श्रीलंका को दी गई 500 मिलियन यूएस ऑयल लाइन ऑफ क्रेडिट (एलओसी) का एक हिस्सा. एलओसी के तहत भारत से श्रीलंका को दिये गये ईंधन की यह चौथी खेप है. इसके अलावा भारत ने पिछले 50 दिनों में द्वीप राष्ट्र को लगभग 200000 मीट्रिक टन ईंधन की आपूर्ति की है.