नई दिल्ली : वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय (Directorate General of Commercial Intelligence and Statistics) के पास उपलब्ध नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्टूबर की अवधि के दौरान भारत के खाने के लिए तैयार उत्पादों (Exports of ready to eat food products from India) का निर्यात 24% बढ़कर 394 मिलियन डॉलर हो गया.
रेडी-टू-ईट श्रेणी के तहत प्रमुख निर्यात आइटम बिस्कुट और कन्फेक्शनरी, भारतीय मिठाई और स्नैक्स और नाश्ता अनाज हैं. अधिकारियों ने कहा कि पिछले एक दशक में एपीडा बास्केट के तहत रेडी-टू-ईट (आरटीई), रेडी-टू-कुक (आरटीसी) और रेडी-टू-सर्व (आरटीएस) खाद्य उत्पादों जैसे अंतिम खाद्य उत्पादों की हिस्सेदारी में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है.
यह भारत के खाद्य निर्यात में मूल्यवर्धन को बढ़ावा देने की सरकार की नीति का परिणाम है, जिसके कारण खाने के लिए तैयार खाद्य निर्यात ने पिछले दशक में 12% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) दर्ज की और APEDA निर्यात में इसकी हिस्सेदारी को आधार बनाया. इसी अवधि के दौरान 2.1% से 5% तक बढ़ गया.
वित्त वर्ष 2020-21 के आंकड़ों से पता चला है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, संयुक्त राज्य अमेरिका 18.73% हिस्सेदारी के साथ भारत के खाने के लिए तैयार उत्पादों का सबसे बड़ा आयातक है. इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (8.64%), नेपाल (5%), कनाडा (4.77%) श्रीलंका (4.47%), ऑस्ट्रेलिया (4.2%), सूडान (2.95%), यूनाइटेड किंगडम (2.88%), नाइजीरिया (2.38%) और सिंगापुर (2.01%) का स्थान है.